- एचएसपीसीबी ने नगर निगम पर लगाया 2.90 करोड़ का जुर्माना
- निगम सीवर के गंदे पानी को बगैर ट्रीट किए नहर में छोड़ा रहा था
- निगम को जुर्माने की यह राशि तीन माह के अंदर जमा करानी होगी
Faridabad Pollution: अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा अब फरीदाबाद नगर निगम को भुगतना होगा। सीवर के पानी को बिना ट्रीट किए नहर में डालने पर हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने निगम पर 2.90 करोड़ रुपये का तगड़ा जुर्माना लगाया है। हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने यह सख्ती एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए की है। बोर्ड ने निगम प्रशासन को पत्र लिखकर लगाए गए जुर्माने की राशि तीन माह के अंदर केंद्रीय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा कराने को कहा है।
बता दें कि, शहर के अंदर प्रतिदिन 200 एमएलडी सीवर का पानी जनरेट होता है। यह पानी निगम द्वारा लगाए गए तीन एसटीपी बादशाहपुर, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ में जाता है और फिर वहां से ट्रीट होकर नहर में छोड़ा जाता है। यह तीनों एसपीटी अपग्रेड नहीं हो पाए हैं, जिस वजह से सीवर के पानी को बगैर ट्रीट किए नहर में छोड़ा जा रहा और वह यमुना तक पहुंच रहा है। जिसकी वजह से यह जुर्माना लगाया गया।
एसटीपी को अपग्रेड करने में जुटा निगम
निगम अधिकारियों के अनुसार, सीवर पानी को ट्रीट करने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतापगढ़ में 50 और मिर्जापुर में 45 एमएलडी के एसटीपी बनाए गए थे। वर्ष 2018 में पब्लिक हेल्थ विभाग ने इन एसपीटी को खराब हालत में नगर निगम को सौंप दिया था। नगर निगम के एसई ओमवीर सिंह ने कहा कि, निगम द्वारा इन एसपीटी में सुधार करने की कोशिश चल रही है। अभी मिर्जापुर और प्रतापगढ़ के एसटीपी को अपग्रेड किया जा रहा है। प्रतापगढ़ को 50 एमएलडी से बढ़ाकर जहां 100 एमएलडी किया जा रहा है, वहीं मिर्जापुर को 45 से बढ़ाकर 80 एमएलडी तक किया जाएगा। यह दोनों एसटीपी जून-2023 तक अपग्रेड हो जाएंगे। वहीं एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दिनेश कुमार ने इस जुर्माने की जानकारी देते हुए बताया कि, विभाग की तरफ से इन एसपीटी के सैंपल लिए गए थे, जो फेल हो गए। इस वजह से जुर्माना लगाया गया। इस संबंध में निगम प्रशासन को पत्र भेजकर सूचना दे दी गई है।