- गाजियाबाद पुलिस ने डॉक्टर के झूठ का पर्दाफाश किया
- डॉक्टर ने पुलिस थाने में जान से मारने की झूठी शिकायत दर्ज करवाई थी
- आरोपी डॉक्टर घटना का खुलासा होने के बाद से फरार है
Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद पुलिस ने उस डॉक्टर के झूठ का खुलासा किया है, जिसने हत्या की धमकी देने की अपनी फर्जी कहानी पुलिस को बताई थी। घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है। पुलिस ने रविवार को कहा कि उन्होंने झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए एक डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी डॉक्टर ने पब्लिसिटी हासिल करने के लिए पुलिस को अपनी शिकायत में कहा था कि हिंदू संगठनों का समर्थन करने के लिए धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
आरोपी डॉक्टर की पहचान अरविंद वत्स अकेला के तौर पर हुई है। घटना का खुलासा होने के बाद से वह फरार चल रहा है। पुलिस ने वत्स के घर और क्लिनिक पर छापामारी की है। वत्स ने 9 सितंबर को अपनी पुलिस शिकायत में आरोप लगाया था कि उन्हें यूएसए स्थित एक नंबर से व्हाट्सएप पर तीन धमकी भरे कॉल आए थे।
कॉल रिकॉर्ड में पुलिस को मिले मरीज के नंबर
डॉक्टर वत्स ने आरोप लगाया था कि फोन करने वाले ने उसे हिंदू संगठनों का समर्थन करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। ऐसा नहीं करने पर उनका सिर काट देने की धमकी भी दी थी। अब पुलिस ने खुलासा किया है कि वत्स ने कथित तौर पर पुलिस से झूठ बोला था कि उन्हें पहली कॉल 1 सितंबर की रात को मिली, दूसरी कॉल अगले दिन और तीसरी कॉल 7 सितंबर को आई थी। हालांकि, पूछताछ के दौरान, पुलिस ने पाया कि दिल्ली के मालवीय नगर के एक मरीज ने उसे अपनी मेडिकल स्थिति बताने के लिए फोन किया था। उसने कोई धमकी नहीं दी थी।
मरीज ने भेजे थे सूजे हुए पैरों की तस्वीरें
मरीज अस्थमा से पीड़ित था और एक दोस्त ने उसे डॉ. वत्स से मिलवाया था। कुमार ने 2 सितंबर को पहली बार डॉक्टर को फोन किया था और व्हाट्सएप पर अपने सूजे हुए पैरों की तस्वीरें भी शेयर की थी। मामले पर पुलिस अधीक्षक (प्रथम) निपुण अग्रवाल ने कहा है कि डॉक्टर को सिर काटने के बारे में कोई धमकी नहीं दी गई थी। वहीं वत्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 (लोक सेवक को किसी अन्य व्यक्ति की चोट के लिए अपनी वैध शक्ति का उपयोग करने के इरादे से झूठी सूचना देना) ) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसपी ने कहा कि वत्स का पता लगाकर जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।