- प्लास्टिक से खूबसूरत कलाकृतियां बनाकर विकसित किया जाएगा प्लास्टिक टूरिज्म
- प्लास्टिक से 'गजब गाजियाबाद' का सुंदर बोर्ड बनवाकर राजेंद्र नगर में लगवाया
- प्लास्टिक के कचरे से बनाई जाएंगी सड़कें
Ghaziabad Municipal Corporation : नगर निकायों के लिए सिरदर्द बना कचरे में आने वाला प्लास्टिक अब गाजियाबाद की खूबसूरती की पहचान बनेगा। इस प्लास्टिक से संदेशात्मक बोर्ड, खूबसूरत कलाकृतियां बनाकर, प्लास्टिक टूरिज्म विकसित किया जाएगा। नगर निगम ने राजेंद्र नगर में कचरे में आने वाली प्लास्टिक से 'गजब गाजियाबाद' का सुंदर बोर्ड बनवाकर राजेंद्र नगर में लगवाया है। इससे पहले कंप्यूटर की-बोर्ड आकार की बेंच बनाकर आनंद विहार बॉर्डर पर लगवाया गया था। गाजियाबाद वेस्ट प्लास्टिक से फ्लोर टाइल्स, ट्री गार्ड, सुंदर पेंटिंग्स बनाई गई हैं।
कई जगह लगाए 'गजब गाजियाबाद' के सेल्फी प्वाइंट अब शहर के 10 मुख्य चौराहों पर सुंदर कलाकृतियां और बोर्ड लगाकर आकर्षक सेल्फी प्वाइंट विकसित कराए जा रहे हैं। पहले चरण में राजेंद्र नगर चौराहा, मोहन नगर, वैशाली चौराहा, विजयनगर में लीलावती चौराहा और डायमंड फ्लाईओवर के पास 'गजब गाजियाबाद' के सेल्फी प्वाइंट लगाए गए हैं। यह प्वाइंट स्वच्छता का संदेश भी दे रहे हैं। प्लास्टिक के कचरे से बनाई जाएंगी, सड़कें जिला पंचायत राज विभाग अब पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाएगा।
1 यूनिट की लागत 16 लाख रुपए
पहले चरण में चारों ब्लॉक में एक-एक प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट लगाई जाएगी। एक यूनिट की लागत 16 लाख होगी। इसके लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है, नए वित्तीय वर्ष से इसका कार्य आरंभ होगा। स्वच्छ भारत मिशन ओडीएफ प्लस के दूसरे चरण में सभी ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू करना है।
बजट मिलते ही शुरू होगा कार्य
नए वित्तीय वर्ष में बजट मिलते ही कार्य शुरू होगा। इसमें सबसे पहले लोनी, मुरादनगर, भोजपुर और मोदीनगर ब्लॉक में चार प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट लगेगी। 64 लाख से यह यूनिट बनकर तैयार होंगे। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक का कूड़ा जितना भी निकलेगा। उन यूनिट पर ही इसका निस्तारण होगा और प्रोसेस करके सड़कें और फर्नीचर आदि बनाने के काम लाया जाएगा। ओडीएफ प्लस के दौरान ग्रे वाटर मैनेजमेंट, तालाबों का निर्माण और सुंदरीकरण, सोख पीट्स और लीच पीट्स का भी निर्माण होगा। नए वित्तीय वर्ष में इसका बजट मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा। पहले दो विकास खंड में यूनिट लगाई जाएगी। उसके बाद बाकी बचे विकास खंडों में यूनिट स्थापित होगा।