- बिजली चोरों पर गाजियाबाद के विद्युत विभाग की बड़ी कार्रवाई
- डेढ़ हजार जगहों पर छापेमारी कर 815 जगह बिजली चोरी पकड़ी
- बिजली चोरी करने वाले 650 उपभोक्ताओं पर दर्ज कराया मुकदमा
Ghaziabad Electricity Theft: भीषण गर्मी में लग रहे बिजली कटों ने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया। इसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वहीं विद्युत विभाग इसका सबसे प्रमुख कारण बिजली चोरी बता रहा है। अधिकारियों के कारण बिजली चोरी के कारण कई फीडर ओवरलोडेड रहते हैं, जिस वजह से कट लगाना पड़ता है। इस समस्या को खत्म करने के लिए विभाग लगातार कार्रवाई भी कर रहा है। विभाग की तरफ से अप्रैल माह से अब तक करीब डेढ़ हजार जगहों पर छापे मारे गए हैं। इनमें से करीब 815 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई। विभाग की तरफ से 650 बिजली चोरों पर मुकदमा दर्ज करावाया गया है।
बता दें कि विद्युत विभाग की यह सक्रियता शासन की तरफ से बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई का आदेश जारी होने के बाद आई है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार बिजली चोरी पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है, जो लगातार कार्रवाई कर रही है। यह कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।
इन जगहों पर की गई कार्रवाई
विद्युत विभाग के आकलन के अनुसार जिले के अंदर हर माह करीब 62 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो रही है। इसपर लगाम लगाने के लिए अप्रैल माह में शासन ने सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया था। जिसके बाद विभाग द्वारा कार्रवाई शुरू की गई। विभाग के मुख्य अभियंता एसके पुरवार ने बताया कि विभाग ने अप्रैल माह से अब तक जिले के कई इलाकों में 1851 स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की है। इस दौरान 815 जगहों पर बिजली चोरी करते हुए लोगों को पकड़ा गया। बिजली चोरी करने वाले 662 उपभोक्ताओं के खिलाफ विभाग द्वारा मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इसके साथ ही विभाग की तरफ से बिजली चोरी और अनियमितताओं के इन मामलों में चार करोड़ 22 लाख रुपये का एसेसमेंट भी लगाया गया। इनमें से करीब 70 लोगों ने अब तक 14 लाख रुपये जमा भी करा दिए हैं।
यहां पर सबसे ज्यादा बिजली चोरी
मुख्य अभियंता ने बताया कि विभाग की कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले लोनी, मोदी नगर, मुराद नगर इलाकों में पकड़ गए। इसके अलावा भी शहर के कई ऐसे इलाकों को चिन्हित किया गया है, जहां पर बिजली चोरी हो रही है। विभागीय अधिकारी लगातार छापेमारी कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं।