- निगम की खाली पड़ी परिसंपत्तियों को ग्रीन बनाया जाएगा
- सिद्धार्थ नगर इलाके में मियावकी तकनीक से पौधे रोपे जा रहे
- इस तकनीक में कम जगह में अधिक पौधे लगाए जाते हैं
Ghaziabad Garbage News: रोज बढ़ रही प्रदूषण की समस्या अब लोगों के लिए नासूर बन चुकी है। हवा इतनी दूषित की सांस लेना भी दुभर हो रहा है। इसी बीच अब लोगों ने हरियाली बढ़ाने की शपथ ली है, जिससे लोगों की सांसों में वायु प्रदूषण का जहर कम घुले। गाजियाबाद वैसे तो दुनिया में प्रदूषित शहरों की कतार में खड़ा है। इस कतार से शहर को बाहर लाने की दिशा में नगर निगम ने कमर कसी है। जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में शहर में दरख्तों की गिनती में बढ़ोतरी के लिए एक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
इसके लिए शहर के सिद्धार्थ नगर इलाके को चुना गया है। शहरी सरकार की मुखिया मेयर आशा शर्मा ने बताया कि सिद्धार्थ नगर में लगे करीब 5 टन कचरे को निस्तारित कर उस जगह को समतल किया गया है। जो कचरा लोगों की सेहत के लिए खतरा था। वही कचरा अब खाद के रूप में पौधों के लिए संजीवनी का काम करेगा। उन्होंने बताया कि लोगों में पर्यावरण की चेतना लाने के लिए निगम की ओर से 7 जुलाई तक शहर में कई आयोजन होंगे। निगम शहर के अधिक प्रदूषित इलाकों को हरियाली में बदलने की तेजी से कवायद करेगा। जिससे पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का स्थाई हल निकल सके।
मियावकी तकनीक होगी कारगर सिद्ध
मेयर आशा शर्मा के मुताबिक शहर में निगम की खाली पड़ी परिसंपत्तियों को ग्रीन बनाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा जापानी मियावकी तकनीक से पौधे रोपे जाएंगे। नगर निगम के वानिकी ऑफिसर डा. अनुज ने बताया कि महोत्सव के तहत सर्व प्रथम सिद्धार्थ नगर इलाके में मियावकी तकनीक से पौधे रोपे जा रहे हैं। वानिकी अधिकारी ने बताया कि इस तकनीक में कम जगह में अधिक पौधे लगाए जाते हैं। इसमें सबसे खास बात तो यह है कि ये पौधे सर्वाइव करने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। जिसके चलते कम समय में जंगल खड़ा हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक में पौधों को बढ़ने के लिए जैविक खाद की जरूरत होती है। जिसमें नगर निगम की ओर से कई घटकों के जरिए खाद तैयार की जा रही है।