- यूपी गेट-राजनगर एक्सटेंशन एलिवेटेड रोड पर जून से देना पड़ सकता है टोल
- जीडीए इस एलिवेटेड सड़क पर टोल टैक्स वसूलने के लिए कर रहा विचार
- जीडीए के प्लान के अनुसार प्रति वाहन 5 रुपये लिया जाएगा टोल टैक्स
Ghaziabad Toll Tax News: गाजियाबाद के लोगों को जल्द ही एक और सड़क पर चलने के लिए टोल टैक्स देना पड़ सकता है। भारी कर्ज में डूबा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) यूपी गेट-राजनगर एक्सटेंशन एलिवेटेड रोड पर टोल टैक्स लगाने का विचार कर रहा है। इस समय जीडीए के अधिकारी टोल टैक्स लगाने पर नियमों की जांच करने में जुटे हैं, अगर किसी तरह की कानूनी बाधा नहीं मिली तो जून माह से इस सड़क पर चलने के लिए लोगों को टोल टैक्स देना पड़ सकता है। जीडीए के इस फैसले को लेकर अब लोगों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि टोल टैक्स स्टेट या नेशनल हाईवे पर ही लगाया जाता है। शहर की सड़क पर टोल टैक्स नहीं लगाया जा सकता है।
जीडीए के मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यूपी गेट-राजनगर एक्सटेंशन एलिवेटेड रोड पर टोल लगाने के संबंध में क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता से सर्वे रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट में यह देखा जाएगा कि यहां टोल टैक्स वसूली में किसी तरह की कानूनी बाधा तो नहीं आएगी। टोल शुरू करने को लेकर सभी पहलुओं पर विस्तार से मंथन किया जा रहा है। सभी रिपोर्ट क्लीयर होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
इस रोड से गुजरते हैं प्रतिदिन लाखों वाहन
बता दें कि यूपी गेट से राजनगर एक्सटेंशन जाने वाली इस एलिवेटेड रोड पर प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। जीडीए द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार अभी यहां से गुजरने वाले वाहनों से एक साइड का पांच रुपये और 24 घंटे में दोनों साइड का 10 रुपये टोल टैक्स लेने का प्लान है। जीडीए के अनुमान के अनुसार अगर एक साइड के पांच रुपये प्रति वाहन के हिसाब से टैक्स लिया जाएगा तो प्रतिदिन जीडीए के कोष में पांच लाख रुपये आएंगे। वहीं एक माह में जीडीए को करीब 1.5 करोड़ रुपये की कमाई होगी।
जीडीए का कहना कर्ज उतारने में मिलेगी मदद
जीडीए के मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जीडीए अभी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। प्राधिकरण पर भारी कर्ज है। इस कर्ज को कम करने के लिए यह टोल टैक्स लगाने पर विचार किया जा रहा। बता दें कि इस 10.5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। इसको बनाने के लिए जीडीए ने करीब 700 करोड़ रुपये कर्ज लिया था।