- स्कूल बस एक साल से बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के चल रही थी
- लापरवाही बरतने पर दो एआरटीओ और एक संभागीय निरीक्षक सस्पेंड
- परिजनों ने स्कूल पर कार्रवाई न होने पर दी आत्मदाह की चेतावनी
Ghaziabad News: गाजियाबाद में के निजी स्कूल के बस में दुर्घटना से हुई बच्चे की मौत मामले में पुलिस विभाग की जांच अभी जारी है, वहीं संभागीय परिवहन विभाग की जांच पूरी हो गई है। परिवहन विभाग के जांच में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस वजह से विभाग ने दो एआरटीओ और एक संभागीय निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। परिवहन विभाग के जांच में पता चला कि, दुर्घटना में शामिल स्कूल बस अनफिट थी, लेकिन इसके बाद भी इस बस को चलाया जा रहा था।
वहीं, इस हादसे के पीड़ित परिवार स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। परिजनों ने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई न होने पर थाने के अंदर आत्मदाह की चेतावनी भी दी है। जिसके बाद से पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर आ गई है।
बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के सड़क पर दौड़ रही थी बस
बता दें कि, बीते बुधवार को घर से स्कूल जाते हुए सूरत सिटी कॉलोनी निवासी दयानंद पब्लिक स्कूल के 11 वर्षीय छात्र अनुराग की उस समय हादसे में जान चली गई, जब उसने उल्टी करने के लिए अपना सिर बस से बाहर निकाला। इस दौरान बस ड्राइवर ने बस को तेजी से मोड़ दिया, जिससे अनुराग का सिर एक पोल से टकरा गया और मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद परिवहन विभाग ने सभी स्कूल बसों की जांच शुरू की। इस जांच में पता चला कि हादसे में शामिल स्कूल बस पिछले एक साल से बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के सड़क पर दौड़ रही थी।
तीन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड
जिसके बाद बसों की जांच करने के जिम्मेदार तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई, उनमें एआरटीओ (प्रशासन) विश्वजीत सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन) सतीश कुमार और संभागीय निरीक्षक प्रेम कुमार शामिल हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि, दोनों एआरटीओ अभी गाजियाबाद में तैनात हैं, वहीं संभागीय निरीक्षक प्रेम कुमार की वर्तमान में कानपुर में तैनाती है। अरुण कुमार ने बताया कि, जल्द ही अभिभावकों को स्कूल बसों की जानकारी उनके मोबाइल पर ही मिलनी शुरू हो जाएगी। इस क्षेत्र में प्रशासन कार्य कर रहा है।