- गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल हुआ पूरा
- लोनी से पुराना बस अड्डा रूट रहा सबसे ज्यादा सफल
- ट्रायल में मुरादनगर रूट की बस रही असफल
Electric Bus: गाजियाबाद में विभिन्न रूटों पर एक माह से किया जा रहा इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल अब पूरा हो चुका है। इस ट्रायल में लोनी से पुराना बस अड्डा रूट सबसे सफल रहा, वहीं मुरादनगर रूट सबसे कम सफल हो पाया इसलिए अब रोडवेज विभाग इस रूट में बदलाव करने का प्लान कर रहा है। अब मुरादनगर के स्थान पर मोदीनगर तक ई-बस चलाने पर विचार किया जा रहा है। अब यें बसें फुल स्पीड से सड़कों पर दौड़ेंगी।
इसके साथ ही अब किराए में भी बदलाव किया गया है। ट्रायल के दौरान इन बसों में लोगों से न्यूनतम 5 रुपये और अधिकतम 35 रुपये किराया लिया जाता था, जो अब बदल कर न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 40 रुपये हो गई है। यह किराया रेट वीरवार से ही लागू हो गया है। हालांकि इसके बाद भी यात्री इन रूटों पर चलने वाले ऑटो व अन्य परिवहन सेवाओं की अपेक्षा आधे रेट में सफर कर सकेंगे।
लोनी रूट का ट्रायल रहा 99.9 फीसदी सफल
बता दें कि, रोडवेज विभाग ने गाजियाबाद के तीन रूट पर इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल शुरू किया था। 4 अप्रैल से कौशांबी से मुरादनगर रूट 10 बसें चलाई गई थी, वहीं दिलशाद गार्डन-गोविंदपुरम-मसूरी रूट पर 5 बसें और लोनी से पुराना बस अड्डा रूट पर पांच बसों का संचालन किया गया था। एक माह के ट्रायल के बाद रोडवेज विभाग के अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट तैयार की। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रायल में सबसे सफल लोनी-पुराना बस अड्डा रूट रहा। विभाग के अनुसार, यह ट्रायल 99.9 प्रतिशत ट्रायल सफल रहा। वहीं मसूरी रूट 67 प्रतिशत और मुरादनगर रूट सबसे कम 53 प्रतिशत सफल रहा।
मुरादनगर रूट पर सफलता कम मिलने पर अब इस पर बसों को मुरादनगर के स्थान पर मोदीनगर तक चलाने की योजना बनाई गई है। क्योंकि मोदीनगर जाने वाले यात्री ई-बस में नहीं बैठते हैं। उन्हें मुरादनगर में बस बदलने की परेशानी उठानी पड़ती है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ए के सिंह ने बताया कि, मोदीनगर तक बस चलाने और बसों की संख्या बढ़ाने को लेकर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। जिसमें मोदीनगर तक बस का संचालन बढ़ाने का निर्णय लिया गया।