- गाजियाबाद में 4 अंतरराज्यीय वाहन चोर हुए गिरफ्तार
- दिल्ली व एनसीआर में 300 से ज्यादा चोरी की घटनाओं को दे चुके हैं अंजाम
- गिरोह के सरगना के खिलाफ पूर्व में दर्ज है 65 से ज्यादा मुकदमे
Ghaziabad Vehicle Thief: गाजियाबाद के थाना कविनगर पुलिस और एसओजी की टीम ने 4 अंतरराज्यीय वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। ये वाहन चोर दिल्ली एनसीआर में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे। पुलिस ने इनके पास से 6 कार और कई मोटरसाइकिल बरामद की है। पुलिस के मुताबिक यह गैंग गाजियाबाद, दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में कार और बाइक की चोरी किया करता था।
आपको बता दें कि इस गैंग ने अब तक 300 से अधिक वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। चोरी के वाहनों को ये लोगों को ऑन डिमांड सप्लाई किया करते थे। जो गाड़ियां बच जाती थी, उन गाड़ियों को हरियाणा के आसपास के इलाकों में ले जाकर कटवा दिया करते थे।
गैंग के सरगना के नाम पर पूर्व में 65 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 6 कार, कई मोटरसाइकिल और स्पेयर पार्ट्स भी बरामद किए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस गैंग के सरगना पर 65 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। बाकी अभियुक्तों के खिलाफ भी कई थानों में चोरी और लूट के मुकदमे दर्ज हैं। यह सभी लोग 15- 20 सालों से चोरी की घटनाओं को अंजाम देते आ रहे हैं। इन सभी आरोपियों से अब पूछताछ की जा रही है और ये पता लगाने की कोशिश की जा ही है कि कहां-कहां इन लोगों ने वाहनों को बेचा है। साथ ही इस गैंग के अन्य सदस्यों का भी पता लगाया जा रहा है।
15-20 सालों से कर रहे एनसीआर में चोरी
सीओ कविनगर अवीनाश कुमार सिंह ने बताया कि चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। 4 लोगों को इसमें गिरफ्तार किया गया है, जो दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे। ऑन डिमांड होने पर इस गैंग के सदस्य उन वाहनों को चोरी किया करते थे और उसे बेच दिया करते थे। पुलिस ने बताया कि यह 15 से 20 सालों से दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। इनकी गिरफ्तारी करने पर गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि अब दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी की घटनाओं पर लगाम लगेगी, हालांकि गाजियाबाद पुलिस द्वारा इनके अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके ऊपर दिल्ली एनसीआर में दर्जनों मुकदमे पहले से दर्ज हैं।