- स्वास्थ्य विभाग ने 86 स्थान पर लिए थे सैंपल, 24 हुए फेल
- 11 शिक्षण संस्थान और 6 अस्पताल के सैंपल भी फेल
- पहले भी कई जगहों के सैंपल आए हैं फेल
Ghaziabad News: करीब एक सप्ताह पहले गाजियाबाद पूरे देश में तब चर्चा का विषय बन गया, जब वायु प्रदूषण के मामले में सबसे प्रदूषित शहरां के लिस्ट में शामिल किया गया। अब एक बार फिर से यह शहर जल प्रदूषण के कारण चर्चा का केंद्र बन रहा है। हाल ही में गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा 86 स्थानों पर किए गए जांच में 11 शिक्षण संस्थान, छह अस्पताल समेत 24 स्थानों का पानी दूषित मिला। वहीं अससे पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनवरी से दिसंबर के बीच भी सैंप लिए गए थे। उस दौरान विभाग द्वारा 459 स्थानों पर पानी के सैंपल लिए गए, जिसमें से 137 सैंपल फेल हो गए।
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार ने बताया कि बदलते मौसम में जल जनित बीमारियां फैलने की संभावना बनी रहती है। इसलिए ये सैंपल लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने पानी की रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, निदेशक संचारी रोग, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी, सीएमओ, महाप्रबंधक जलकल और शिक्षा विभाग को भेजी है।
इसलिए दूषित हो रहा शहर का पानी
शहर की हवा और पानी दूषित होने का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक क्षेत्रों को माना जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, कई फैक्ट्रियां पानी को बिना ट्रीट किए सीधे नदी और तालाबों में छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा कई स्थानों पर दूषित पानी को रीबोर करके धरती में उतारा जाता है। ऐसे कई मामले प्रशासन ने भी जांच के दौरान पकड़े थे। कार्बन, हाइड्रोजन, मोनो ऑक्साइड और हानिकारक पदार्थ पानी को गंदा करते हैं। खर्चा बचाने के लिए भूतल के तीसरे स्तर 200 मीटर तक ही बोरिंग होती है। जहां का पानी गंदा रहता है। अंडरग्राउंड पाइप लाइन का टूटा होना मुख्य कारण है। साथ ही वॉटर टैंक को खुला रखना भी बड़ा कारण है। गांदा पानी पीने से अब शहर के लोगों में उल्टी, दस्त, पीलिया, त्वचा संबंधित बीमारियां, बाल झड़ना, आंखों में एलर्जी बढ़ रही है।