नई दिल्ली: भारत और चीन ने शनिवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। सेना के सूत्रों से जानकारी मिली कि दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की वार्ता 16 घंटे तक चली और रात को लगभग 2 बजे समाप्त हुई। बैठक सुबह 10 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा क्षेत्र में शुरू हुई थी।
दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को नौ महीने हो गए हैं। समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है तथा अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है। सूत्रों ने कहा कि 10वें दौर की वार्ता में चर्चा का मुख्य बिंदु अन्य इलाकों से भी वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का है।
दोनों देशों के बीच हुई दसवें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन ने किया जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं। नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था। वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था।