- जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर रविवार देर रात दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे
- पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का देश के किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर इस तरह का यह पहला ड्रोन हमला है
- पहले विस्फोट के छह मिनट बाद हुआ दूसरा विस्फोट
नई दिल्ली: दो रक्षा कर्मियों ने उन ड्रोन को देखा था, जिन्होंने जम्मू में भारतीय वायु सेना (IAF) बेस पर विस्फोटक गिराए थे। ड्रोन को देखने वाले दोनों कर्मियों में एक एयरमैन और एक रक्षा सुरक्षा कोर संतरी है। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों से ये जानकारी दी है।
सूत्रों ने बताया, 'डीएससी संतरी सतर्क और निगरानी रख रहा था, तभी उसने दो छोटे ड्रोन देखे जैसे शादी में इस्तेमाल किए जाते हैं। ड्रोन हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे और अगले लगभग 30 सेकंड के भीतर जोरदार विस्फोट हुए। वायु सेना के एक अन्य जवान ने भी ड्रोन की आवाज सुनी। उस समय वह एटीसी टावर के पास अपने केबिन में काम कर रहा था।'
दोनों कर्मियों की सतर्कता ने यह अनुमान लगाने में मदद की है कि रविवार को वायु सेना स्टेशन पर हमलों के लिए इस्तेमाल किए गए ड्रोन बैटरी से संचालित थे, जिनकी सीमा लगभग 10-12 किलोमीटर हो सकती है और यह भी कि वे हमले के लिए किस दिशा से आए थे।
दोनों कर्मी अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बयान देंगे, जिसे इस हमले की जांच का काम सौंपा गया है।
आतंकवादियों द्वारा इस तरह के किसी भी संभावित हमले को रोकने के लिए कई एजेंसियों को शामिल किया गया है और सभी हवाई अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
रविवार को जम्मू में वायुसेना अड्डे के अंदर हमले को अंजाम देने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। विस्फोटों में किसी विमान को कोई नुकसान नहीं हुआ है। दो कर्मियों को मामूली चोटें आईं।