उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस ने शनिवार को कहा कि सरकारी स्कूल के 2 शिक्षकों के खिलाफ बेहजाम ब्लॉक में मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, उन्होंने अपने स्थानांतरण आदेशों के विरोध में लगभग 25 छात्रों को स्कूल की छत पर बंद कर दिया था। अधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों के बीच 'समूहवाद' की शिकायतों पर हाल ही में जिले के कस्तूरबा गांधी स्कूल से लड़कियों के लिए अन्य स्कूलों में तीन संविदा शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया था।
पुलिस ने दो शिक्षकों की पहचान मनोरमा मिश्रा और गोल्डी कटियार के रूप में की है। उन पर आईपीसी की धारा 342 (गलत रोक), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 336 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। लड़कियों की शिक्षा के लिए जिला समन्वयक रेणु श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर नीमगांव पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई।
लखीमपुर खीरी बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार को आवासीय विद्यालय के कुछ छात्रों को स्कूल में दो शिक्षकों द्वारा रोक दिया गया था क्योंकि वे अपने स्थानांतरण आदेशों से नाखुश थे। स्कूल में शिक्षकों के बीच कुछ गुटबाजी थी, जिसके कारण एक ही जिले के अलग-अलग ब्लॉक के एक स्कूल में तीन शिक्षकों का तबादला कर दिया गया था। इसके विरोध में दोनों शिक्षकों ने छात्रों को स्कूल की छत पर ले जाकर अंदर से बंद कर दिया। हमें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा और फिर छात्रों को नीचे लाया जा सका, उनसे बात की।
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एक अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को ट्रांसफर आदेश प्राप्त होने के बाद दोनों ने अपने इस आदेश को रद्द करने के लिए विभाग पर दबाव बनाने के लिए छात्राओं को बहला-फुसला लिया। आवासीय विद्यालय में कक्षा 6 से 8 के लिए लगभग 50 छात्र नामांकित हैं और उनमें से लगभग 25 को दो शिक्षकों द्वारा छत पर बंद कर दिया गया था। अधिकारी ने कहा कि घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है और उसके आधार पर यदि आवश्यक होगी तो शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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