- 1999 में आज ही के दिन भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी फौज को खदेड़ा था
- देश में हर साल इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है
- भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के करगिल में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है
नई दिल्ली। 20 Years of Kargil War: 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था, इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने वीरता की ऐसी मिसाल पेश की जिसका उदाहरण मिलना बहुत ही दुर्लभ है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर जवानों ने कारगिल की चोटी से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था, हालांकि कारगिल की इस जंग में हमारे देश के तमाम जवान शहीद हो गए थे।
देश में हर साल इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता दिखाई जाती है, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना द्वारा कब्जे में लिए गए क्षेत्र पर फिर से तिरंगा फहराने के लिए अपनी जिंदगी को कुर्बान कर दिया था।
कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है।
पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी।
लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया,'कारगिल विजय दिवस, हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है। हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य व शौर्य को नमन करते हैं। हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे। जय हिन्द।'
कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1999 के करगिल युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने ट्वीट किया, 'करगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है।'
उन्होंने कहा, 'इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने युद्ध के दौरान उस क्षेत्र के अपने दौरे और जवानों के साथ बातचीत करने वाली तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने टि्वटर पर कहा, 'साल 1999 में करगिल युद्ध के दौरान मुझे करगिल जाने और हमारे बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 1999 में वह जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भाजपा के लिए काम कर रहे थे। मोदी ने कहा, 'करगिल का दौरा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है।' तस्वीरों में वह सैन्यकर्मियों से बातचीत करते और घायल सैनिकों से मुलाकात करते दिखाई दे रहे हैं।
भारतीय वायु सेना ने कहा, 'कारगिल शहीदों को नमन और हमारे वीर सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान को सलाम। भारत की अखंडता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों की शहादत को याद करें।'
रक्षा मंत्रालय (सेना) के जन सूचना के अतिरिक्त महानिदेशक ने ट्वीट किया, 'साल 1999 में मई-जुलाई तक हुए कारगिल युद्ध के बाद 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में देश की शानदार जीत की अमरकथा बन गया। भारतीय सेना के सैनिकों ने द्रास, काकसार, बाटलिक और टरटोक सेक्टरों में शानदार युद्ध किया। हमारे शहीदों और नायकों के साहस, वीरता और बलिदान को सलाम।'
गौरतलब है कि कारगिल युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारत में इस युद्ध के दौरान देशप्रेम का उबाल देखने को मिला था।