नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के चार नेताओं को श्रीनगर में सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया है। नेताओं में पूर्व मंत्री और पंपोर विधायक जहूर मीर, पूर्व विधायक और पार्टी के महासचिव निजामुद्दीन भट, शोपियां के पूर्व विधायक यूसुफ भट और डीडीसी सदस्य और पूर्व विधायक एजाज मीर शामिल हैं।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के नेताओं को उनके सरकारी क्वार्टर से जबरन बेदखल करने के खिलाफ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हस्तक्षेप की मांग की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर उनके साथ 'कुछ भी अनहोनी होती है' तो वह उपराज्यपाल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराएंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन पीडीपी नेताओं को चुनिंदा रूप से निशाना बना रहा है और उन्हें बिना कोई वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए श्रीनगर में उनके आधिकारिक आवास खाली करने को कहा है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखे पत्र में महबूबा ने लिखा है, 'जिस तरह से प्रशासन पीडीपी नेताओं और पूर्व विधायकों को चुन-चुन कर निशाना बना रहा है, उससे मैं बहुत चिंतित हूं। ऐसे समय में जब आतंकवाद फिर से बढ़ रहा है, उन्हें बिना कोई वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए श्रीनगर में उनसे आधिकारिक आवास खाली करने के लिए कहा गया है।' उन्होंने आगे कहा कि जो बात इससे भी बदतर हो है वह यह है कि पार्टी नेताओं के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी कि उन्हें उन गांवों में सुरक्षा प्रदान की जाए जहां वे मूल रूप से रहते हैं, इन अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया है।
पत्र में लिखा है कि राज्य प्रशासन ने सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करने के लिए आतंकवादियों की मौजूदगी का हवाला दिया है। लेकिन उसी प्रशासन को उन्हें श्रीनगर में सुरक्षित सरकारी आवास से बेदखल करने और जानबूझकर उन्हें नुकसान पहुंचाने में कोई गुरेज नहीं है।