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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 44 पुलों को किया राष्ट्र को समर्पित, आवागमन और सुरक्षा होगी मजबूत

Updated Oct 12, 2020 | 12:32 IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश-प्रदेश, सीमा सड़क संगठन द्वारा 7 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में बनाए गए 44 पुलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित किया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने बनाकर तैयार किए हैं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सात राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 44 पुलों का ई-उद्घाटन कर दिया है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इनका शुभारंभ किया गया है साथ ही उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए नेचिपु सुरंग की भी आधारशिला रखी। रक्षा मंत्री ने कहा, 'पहले पाकिस्तान और अब चीन, ऐसा लगता है कि सीमा विवाद को एक मिशन के हिस्से के रूप में निर्मित किया जा रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश न केवल दृढ़ संकल्प के साथ संकट का सामना कर रहा है बल्कि कई क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।

ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने बनाकर तैयार किए हैं इनमें से सबसे ज्यादा 10 पुल जम्मू-कश्मीर में और तीन पुल हिमाचल प्रदेश में बनाए गए हैं। हिमाचल के इन तीन पुलों का खासा रणनीतिक महत्व हैं।

इन पुलों के निर्माण से सुरक्षा बलों को हथियारों और उनके आवागमन में मदद मिलेगी, मनाली लेह मार्ग सबसे लंबा दारचा में भागा नदी पर बनाया गया है, इसकी लंबाई 360 मीटर है।

मनाली-लेह मार्ग के दारचा में भागा नदी पर, अटल टनल के नार्थ पोर्टल में चंद्रा नदी पर और मनाली के पलचान में ब्यास नदी पर भव्य पुल बनकर तैयार हुए हैं।

राजनाथ ने कहा, 'इन पुलों के निर्माण से हमारे पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक परिवहन की सुविधा बढ़ेगी। हमारे सशस्त्र बल के जवान बड़ी संख्या में उन इलाकों में तैनात हैं, जहां साल भर परिवहन उपलब्ध नहीं होता है।'

रक्षा मंत्री सितंबर में ही इन पुलों का उद्घाटन करने वाले थे

जानकारी के मुताबिक 44 में से 7 पुल लद्दाख में और 3 पुल हिमाचल प्रदेश में बनाए गए हैं। जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के अलावा ये पुल अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और पंजाब में बनाए गए हैं रक्षा मंत्री इससे पहले सितंबर में ही इन पुलों का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन के चलते कार्यक्रम रद हो गया था, जिसे अब आयोजित किया जा रहा है।

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