- इंजीनियर ने फेसबुक पर शेयर की थी उद्धव के मंत्री अव्हाण की मॉर्फ्ड तस्वीर
- इस मामले में मंत्री की बजाय पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई, 4 सुरक्षाकर्मी गिरफ्तार
- जितेंद्र अव्हाण ने पीएम मोदी के दीया जलाने की अपील का किया था विरोध
मुंबई: पूरे देश में इन दिनों कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है और इस संक्रमण से बचने के लिए तमाम राज्य सरकारें कदम उठा रही हैं। महाराष्ट्र इस वायरस की वजह से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। राज्य में अभी तक एक हजार से अधिक मामले सामने आ चुके है। लेकिन इन सब के बीच महाराष्ट्र के एक मंत्री जितेंद्र अव्हाण के खिलाफ आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करना एक इंजीनियर को इस कदर भारी पड़ा कि उसकी बेरहमी से लाठी, डंडों और राड से पिटाई की गई। इंजीनियर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लोग मंत्री अव्हाण की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
मंत्री के बंगले पर हुई पिटाई, 5 सुरक्षाकर्मी अरेस्ट
पीडित शख्स का नाम अनंत करमुसे है जो पेशे से सिविल इंजीनियर है। उसने आरोप लगाया कि रविवार रात उसके घर कुछ पुलिसकर्मी आए और उसे अपने साथ ले गए। थाने ले जाने की बजाय उसे अव्हाण के बंगले में ले जाया गया और मंत्री की मौजूदगी में उसकी 10-15 लोगों ने जमकर पिटाई की। अब इसकी गाज 6 सुरक्षाकर्मियों पर गिरी है और उन्हें ठाणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। वर्तक नगर पुलिस स्टेशन द्वारा यह कार्रवाई की गई है। इन सुरक्षाकर्मियों को अब एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
क्या था मामला
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लोगों अपील करते हुए 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों की लाइट बुझा कर दीया जलाने की अपील की थी तो महाराष्ट्र सरकार के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने प्रधानमंत्री के इस मुहिम की आलोचना की। उन्होंने ऐलान कर दिया कि वो इस आदेश को नहीं मानेंगे। अव्हाण के पोस्ट के विरोध में इंजीनियर ने भी कमेंट कर दिया और एक मॉर्फ्ड तस्वीर साझा की। बस यही बात अव्हाण को शायद नागवर गुजरी।
मामले ने पकड़ा तूल
इस घटना के बाद एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें पुलिसकर्मी करमुसे को घर से ले जाते दिख रहे हैं।ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर किसके कहने पर करमुसे को घर से ले गए? मामला तूल पकड़ा तो बीजेपी ने इसकी आलोचना की। बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो अव्हाण को तुरंत बर्खास्त करने की मांग कीष वहीं बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने मामले को उठाया औऱ उन्हें करमुसे से मिलने से भी रोक दिया गया।