- गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से दे दिया था इस्तीफा
- आजाद के इस्तीफे को कांग्रेस ने बताया था मौके पर उठाया गया फायदा
- कांग्रेस के नेताओं ने आजाद के डीएनए को मोदीफाइड बताया
गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस से 50 साल पुराना रिश्ता टूट चुका है। पार्टी छोड़ने के बाद उनके सहयोगी रहे अनेक शख्सियतों ने बयानों के जरिए निशाना साधा। लेकिन उन्होंने कहा कि जब किसी की स्वीकार्यता नई पीढ़ी को स्वीकार ना हो तो साथ छोड़ देना चाहिए। इन सबके बीच जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कई दिग्गज पूर्व विधायकों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी। अब खबर आ रही है कि करीब 51 नेता एक साथ इस्तीफा देने वाले हैं।
51 कांग्रेसी नेताओं ने दिया इस्तीफा
कुछ खास शख्सियत
- तारा चंद, पूर्व स्पीकर
- माजिद वानी, पूर्व मंत्री
- पूर्व मंत्री डॉ मनोहर लाल शर्मा...
- चौधरी घरू राम, पूर्व मंत्री
- ठाकुर बलवान सिंह, पूर्व विधायक
- विनोद मिश्रा-पूर्व जनरल सेक्रेटरी..
राजनीतिक तौर पर कोई दुश्मन नहीं
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने किसी को गाली नहीं दी। वो सिर्फ नीतियों की आलोचना करते हैं। कांग्रेस से दूर होना आसान फैसला नहीं था।लेकिन जब पार्टी की सोच और खुद की सोच में सामांजस्य ना हो तो दूर होना बेहतर होता है। वो मानकर चलते हैं कि राजनीतिक तौर पर कोई दुश्मन नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब पार्टी के फैसले कुछ वैसे लोग करने लगें जिनका सार्वजनिक जीवन से नाता हो तो अपनी बात कह पाना मुश्किल होता है। कांग्रेस में उनका किसी से कभी भी विरोध नहीं रहा। उन्हें जब लगने लगा कि पार्टी की नीति जनता के लिए नहीं है। या इस तरह की नीति के तहत पार्टी आगे बढ़ना चाहती है जिसमें किसी तरह का फायदा नहीं है तो उनकी तरफ से आवाज उठाई गई।