Roli Prajapati: नोएडा की छह साल की बच्ची की 27 अप्रैल को गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने उसके अंगों को दान कर दिया था। इससे वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सबसे कम उम्र की डोनर बन गई। न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर और ट्रॉमा सेंटर में अंग खरीद सेवाओं के प्रभारी दीपक गुप्ता ने कहा कि परिजन उसे 27 अप्रैल को नजदीकी अस्पताल ले गए और वहां से आधी रात के करीब उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया। हमने सीटी स्कैन करवाया जिसमें सिर में गोली लगने के सबूत मिले। जब तक वह एम्स आई थी, तब तक उसके मस्तिष्क को गंभीर क्षति हो चुकी थी, इसलिए उसे इंटुबैट किया गया और सहायक उपचार दिया गया।
डॉ गुप्ता ने कहा कि उसके 12 घंटे के अंतराल पर कई परीक्षण किए गए लेकिन वह ब्रेन डेड पाई गई। हमने परिवार से बात की और अंगदान के विकल्प का सुझाव दिया, जिस पर उन्होंने सहमति दी।
दान किए गए अंगों का आवंटन राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा किया गया था। रोली प्रजापति का कलेजा लखनऊ के सात साल के बच्चे को और उसकी किडनी 12 साल के बच्चे को गई। उसके कॉर्निया को काटा गया और दो अन्य बच्चों को दिया गया। उसके हृदय के वाल्वों को संग्रहित कर लिया गया है और बाद में उसका प्रत्यारोपण किया जा सकता है। उस दिन हमारे पास आयु-उपयुक्त प्राप्तकर्ता नहीं था, इसलिए हमने वाल्व निकाल लिए। डॉक्टर ने कहा कि अंग प्राप्त करने वाले बच्चे अच्छा कर रहे हैं।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि वह दिल्ली-एनसीआर और एम्स में सबसे कम उम्र की लड़की है, जिसके अंगों का हमने प्रतिरोपण किया है। बच्चों की एक बड़ी प्रतीक्षा सूची है और कई बच्चे प्रत्यारोपण के इंतजार में मर जाते हैं।
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