- फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की सरकार से मांग कर रहे हैं किसान संगठन
- सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, शीतकालीन सत्र में निरस्त होंगे बिल
- बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे
कौशाम्बी : भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे। किसान नेता ने कहा कि यह मार्च सरकार पर दबाव बनाने के लिए होगा कि वह फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की संवैधानिक गारंटी देने के लिए कानून लाए। टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'आगामी 20 नवंबर को 60 ट्रैक्टर संसद भवन की ओर जाएंगे। ये ट्रैक्टर उन्हीं मार्गों से जाएंगे जिन्हें सरकार ने खोला है।'
हमने सड़कों पर यातायात नहीं रोका है-टिकैत
टिकैत ने कहा, 'हम पर सड़कों पर आवागमन रोकने के आरोप लगते हैं। हमने सड़कों पर यातायात नहीं रोका है। सड़कों पर आवाजाही रोकना हमारा आंदोलन नहीं है। हम सरकार से बातचीत करना चाहते हैं। हम सीधे संसद भवन की ओर जाएंगे।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 19 नवंबर को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। समझा जाता है कि कैबिनेट इन कानूनों को रद्द करने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे सकता है। टिकैत ने कहा कि पिछली बार 200 लोगों ने संसद की तरफ मार्च किया था लेकिन इस बार 1000 लोग मार्च करेंगे।
'एमएसपी पर सरकार के जवाब का इंतजार'
बीकेयू नेता ने कहा, 'एमएसपी पर हम सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। पिछले एक साल में किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों की जान गई है। सरकार को इन मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।' बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है और यह 23 दिसंबर तक चलेगा।
बुधवार को 'किसान मजदूर संघर्ष दिवस' मनाएगा SKM
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा कि वह किसान नेता सर छोटू राम की जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार को 'किसान मजदूर संघर्ष दिवस' मनाएगा। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत एसकेएम ने एक बयान में कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन को एक साल पूरा होने के मौके पर उसके कई नेता हैदराबाद में 25 नवंबर को होने वाले 'महा धरना' में शामिल होंगे। बयान में कहा गया कि किसान आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को प्रवासी भारतीयों द्वारा ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा और नीदरलैंड में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।