- मंत्रिपरिषद विस्तार: 30 मंत्री लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य
- 32 नेता पहली बार बने हैं केंद्रीय मंत्री
- कुल 43 मंत्रियों ने ली शपथ, 15 ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिपरिषद में बड़ा बदलाव किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में 43 मंत्रियों ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। कैबिनेट विस्तार से पहले मोदी सरकार से एक दर्जन मंत्रियों को हटाया गया। कई राज्य मंत्रियों (MoS) को कैबिनेट मंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया है। 7 मंत्रियों को पदोन्नत किया गया है। मंत्रिमंडल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है जबकि सात वर्तमान राज्यमंत्रियों को पदोन्नत कर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। आठ नए चेहरों को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, बंदरगाह, पोत और जलमार्ग परिवहन मंत्रालय के साथ ही रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में राज्यमंत्री मनसुख भाई मांडविया, विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह, आवासन तथा शहरी विकास और नागर विमानन मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय खेल व युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू का प्रमोशन हुआ है।
15 कैबिनेट, 28 राज्य मंत्री
जिन 43 मंत्रियों ने आज शपथ ली है, उसमें से 30 लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य हैं। इसके साथ ही, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन दो ऐसे मंत्री हैं जो फिलहाल संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सोनोवाल फिलहाल असम विधानसभा सदस्य हैं। इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
32 चेहरे पहली बार बने मंत्री
इसके अलावा 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे। ऐसे नेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, जद (यू) अध्यक्ष आरसीपी सिंह, भाजपा के महामंत्री भूपेंद्र यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पारस गुट के नेता पशुपति कुमार पारस प्रमुख हैं।