- मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का दायरा तेजी से बढ़ रहा है
- यह वायरस महानगरों के बाद यह बीमारी छोटे शहरों तक पहुंच रहा है
- इंदौर और भोपाल में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है
नई दिल्ली: इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया ने बताया कि इंदौर (मध्य प्रदेश) में कोरोना वायरस के 9 और पॉजिटिव मामले सामने के बाद अब शहर में 122 मामले हो गए हैं। इंदौर में 50 साल के एक शख्स की मौत के बाद यहां मरने वालों की संख्या 8 हो गई है। मध्य प्रदेश के कई जिले कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आते जा रहे हैं। इंदौर के अलावा भोपाल ग्वालियर, जबलपुर, मुरैना, खरगौन, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, उज्जैन जिलों में कोरोना के रोगी पाए गए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 179 तक पहुंच गया है। इंदौर के बाद सबसे ज्यादा मरीज भोपाल और मुरैना में पाए गए हैं। देश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3000 के पार पहुंच गई है जबकि इस वायरस से अब तक 77 लोगों की जान चली गई है।
मुरैना जिला इंदौर के बाद सबसे सेंसिटिव बन गया है यहां 18 मार्च को दुबई से वापस लौटे दंपत्ति के कारण परिवार को अन्य सदस्य भी इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो गए। वहीं उनके एक पारिवारिक कार्यक्रम में भी शामिल होने के कारण कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में मुरैना की सीमा सील कर दी गई है जिले में राज्य के अन्य सीमावर्ती जिलों से कोई आवाजाही नहीं हो रही है।
इसी तरह राज्य के छोटे शहरों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा और विस्तार हो रहा है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन के अलावा खरगोन, शिवपुरी, मुरैना और छिंदवाड़ा जैसे जिलों से भी बीमारों की सूचना आ रही हैं। छोटे शहरों में संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर सख्ती से लॉकडाउन कराया है। इसके लिए पुलिस की चौकसी बढ़ाने के साथ सडकों पर गुजरते लोगों से पूछताछ हो रही है और बेवजह निकलने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है।
इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि जिन जिलों में प्रशासन ने सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया है, वहीं इस संक्रमण को रोकने में सफलता पाई है। उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया है कि अब इंदौर में भी सख्ती बढ़ाई जाएगी।
प्रदेश में मरीजों का आंकड़ा भी हर रोज बढ़ रहा है। वहीं छोटे शहरों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की कोशिशें जारी है। राज्य में सबसे पहले जबलपुर में कोरोना के मरीज सामने आए थे, मगर वहां की स्थितियां धीरे-धीरे सुधरी। यही कारण है कि, बीते कुछ दिनों से नया मामला सामने नहीं आया हैं। यहां आठ मरीज है और यह संख्या स्थिर बनी हुई है, तो कई मरीजों की स्थिति में सुधार आ रहा है। वहीं इंदौर और भोपाल में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही अन्य छोटे शहरों तक यह दस्तक दे रहा है।
राजधानी भोपाल में पीड़ितों का आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है, यहां वे कई अधिकारी भी इस बीमारी की जद में आ गए हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। इसमें दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तो एक अपर निदेशक स्तर का अधिकारी है। इसके चलते राज्य के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों ने स्वयं को क्वारेंटीन करने की बातें सामने आ रही है। राज्य के जनसंपर्क सचिव पी. नरहरि ने अफसरों के क्वारेंटीन होने की बात नकारते हुए हुए कहा है कि, भारत सरकार के निर्देशानुसार आईसीएमआर गाईडलाइन के मुताबिक यह तैयारी जरुर की है कि, अगर कोई अधिकारी बीमार हो जाए, वह कार्य के लिए उपलब्ध न हो तो उसके स्थानपर दूसरे क्रम के अधिकारी की तैनाती की जा सके।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर संतोष जताया है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश की जनता लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा को पार नहीं कर रही है, घरों तक सीमित है। वहीं स्वास्थ्य अमला अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है, सरकार बेहतर संसाधन जुटा रही हैं।
इंदौर के आलावा भोपाल में 17, जबलपुर में आठ, उज्जैन में सात, मुरैना में 12, खरगोन में तीन, ग्वालियर, शिवपुरी व छिंदवाड़ा में दो-दो मरीजों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें इंदौर में 7, उज्जैन में 2 और खरगोन व छिंदवाड़ा में 1-1 मरीज की मौत हुई। सूत्रों के मुताबिक पूरे प्रदेश में कुल 12 लोगोंं की मौत हो चुक है।
उधर अपने अलग-अलग जायकों और इनके दीवानों के लिए देश-दुनिया में मशहूर इंदौर में कोरोना वायरस के प्रकोप से पिछले 11 दिन से कर्फ्यू लगा है। इसके चलते सब्जियों की आपूर्ति रुकी हुई है। कर्फ्यू की मियाद बढ़ने के साथ ही ज्यादातर स्थानीय निवासियों के घर सब्जियों का स्टॉक खत्म होने आया है। ऐसे में प्रशासन ने कारोबारियों के जरिये किराना और राशन के साथ आलू-प्याज की भी घर-घर आपूर्ति की व्यवस्था शुरू की है। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के आयुक्त आशीष सिंह ने रविवार को बताया कि कोरोना वायरस संकट के चलते शहर में लागू कर्फ्यू के मौजूदा हालात में सब्जियों की आपूर्ति बहाल किया जाना अभी कतई उचित नहीं होगा। हालांकि, हमने किराना और राशन के साथ आलू-प्याज की घर-घर आपूर्ति शुरू की है ताकि शहरवासियों को रसोईघर में थोड़ी राहत मिल सके।