इंदौर: मध्य प्रदेश की जेलों के कोविड-19 संक्रमित कैदियों का आंकड़ा सोमवार को नौ पर पहुंचने के बाद कारागार परिसरों में बंदियों से उनके सगे-संबंधियों और मित्रों की मुलाकात पर जारी प्रतिबंध को पांच मई तक के लिए बढ़ा दिया गया। जेल विभाग के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संजय पांडेय ने बताया कि कोविड-19 से बचाव की सावधानी के तौर पर पहले यह प्रतिबंध 25 अप्रैल तक के लिए लगाया गया था। महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस पाबंदी को पांच मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया
पांडेय ने बताया कि फिलहाल सूबे की 131 जेलों में करीब 39,000 कैदी बंद हैं। उन्होंने बताया, 'अब तक इंदौर की जेल के छह, जबलपुर की जेल के एक और सतना की जेल के दो कैदियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद इन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।' डीआईजी ने बताया कि जबलपुर और सतना की जेलों के जिन कैदियों में कोविड-19 की पुष्टि हुई, उन्हें इंदौर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव की अलग-अलग घटनाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार करके इन कारागारों में भेजा गया था।
इंदौर सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित शहरों में शामिल
उन्होंने बताया, "इंदौर से सतना की जेल भेजे गए दो रासुका बंदी फिलहाल भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती हैं।' इससे पहले, इंदौर की केंद्रीय जेल के चार कैदी सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। इसके बाद जेल में इस महामारी की जद में आए कैदियों की तादाद बढ़कर छह पर पहुंच गई है। इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल है।