जनहित और देशहित में सबसे जरुरी खबर उन लोगों के लिए है,जिनके घरों में बच्चे हैं, और जिन्हें वीडियो गेम्स का शौक है। 1999 में अमेरिका के डेनवर के कोलंबाइन हाई स्कूल के दो छात्रों एरिक हैरिस और डेलन क्लेबोल्ड ने 49 मिनट तक गोलीबारी की थी, जिसमें 13 लोग और वो खुद मारे गए थे। वजह थी घरवालों ने उन्हें वीडियो गेम्स खेलने से रोका था। उस वक्त पहली बार दुनिया ने वीडियो गेम्स से पैदा होती हिंसा को जाना-समझा था। उस वक्त गेम का नाम डूम था, अब पबजी जैसे गेम हैं। लखनऊ में इस पबजी की लत के शिकार बच्चे ने जो किया, उसे सुनकर आप दहल जाएंगे।
एक महिला को मौत के घाट शनिवार रात 3 बजे उतारा गया। उस वक्त जब लखनऊ में जमीन से लेकर आसमान तक नीम शांति थी। सन्नाटा था। ये वो समय था, जब नवाबों का शहर गहरी नींद में सो रहा था। तभी यमुना पुरम के इस घर में महिला के शरीर को 6 गोलियों से छलनी कर दिया गया।ये घर अंदर से बंद था। ना कोई बाहर से अंदर गया, ना अंदर से बाहर आया। बावजूद इसके महिला का मर्डर हो गया। जानते हैं क्यों। क्योंकि कातिल घर के अंदर ही था।
महिला को मारने वाला परिवार का सदस्य है, महिला के कलेजे का टुकड़ा
जी हां। लखनऊ में 16 साल के बेटे ने ही अपनी मां का कत्ल कर दिया। यकीन करना मुश्किल है, पर यही सत्य है। यही तथ्य है। यही सनसनीखेज है। यही चौंकाने वाला है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है मर्डर की वजह। जानते हैं नाबालिग बेटे ने मां को क्यों मार डाला। क्योंकि मां उसे गेम खेलने से रोकती थी। पब्जी खेलने पर डांटती थी।
हत्यारे बेटे ने पूरे घर में रूम फ्रेशनर डाला
जब दोस्त ने आरोपी से उसकी मां के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि मां दादी के पास गई हैं। क्योंकि दादी की तबीयत खराब है। सोमवार की रात उसने एक और दोस्त को घर पर रुकने के लिए बुलाया। इस रात दोनों ने कुछ खाना घर में बनाया। अंडा करी ऑनलाइन मंगवाई। तब तक शव सड़ने लगा था और बदबू आ रही थी। दोस्त को भनक न लगे, इसके लिए हत्यारे बेटे ने पूरे घर में रूम फ्रेशनर डाला। मंगलवार की सुबह दोस्त चला गया तो आरोपी मोहल्ले में खेलने निकाल गया।
जब पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई, तो हालात देखकर दंग रह गई
लेकिन शाम तक जब दुर्गंध फैलने लगी, तो उसने रात में पिता नवीन को वीडियो कॉल किया और बताया कि किसी ने मां का कत्ल कर दिया है। उसने पिता को मां का शव भी दिखाया। नवीन ने एक रिश्तेदार को फोन कर तत्काल अपने घर भेजा। रिश्तेदार ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई, तो हालात देखकर दंग रह गई।
और इस तरह मामले में पुलिस की एंट्री हुई। जब पुलिस ने 16 साल के आरोपी से पूछताछ की, तो उसने हत्या की कई मनगढ़ंत कहानियां बताईं। लेकिन वो अपने वही झूठ की जाल में फंसता चला गया। आखिरकार उसने कबूल किया कि मां का मर्डर उसी ने किया है, लेकिन एक दूसरे झूठ के साथ।
आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बताया कि बिजली विभाग में तैनात एक शख्स अक्सर उसके घर आता था। वो घर पर रुकता और एक-दो दिन बिताने के बाद ही जाता था। घर पर इस तरह उसका आना और रुकना उसे पसंद नहीं था। तमाम विरोध के बाद भी जब मां ने उससे मिलना बंद नहीं किया, तो उसने मां मार डाला।
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