नई दिल्ली: परिवार से झगड़ा और गलत ट्रेन में सवार हुई 35 साल की महिला को 40 दिन पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा। हालांकि बाद में पुलिस ने महिला की मदद की और उसे उसके पति से मिलाया। दरअसल, 22 मार्च को बिहार के भागलपुर में अपने ससुराल में मामूली झगड़ा होने के बाद महिला वहां से निकली और बांका जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंची। लेकिन वह जिस ट्रेन में सवार हुई वो उसे उत्तर प्रदेश के कानपुर ले गई।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, जब कुछ लोगों ने उसे बताया कि वो कानपुर पहुंच गई है तो महिला के पास घर लौटने के लिए पैसे नहीं थे। लोगों ने उसे ग्रैंड ट्रंक रोड पर चलने के लिए कहा क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण परिवहन का कोई साधन नहीं था।
इसके बाद महिला ने घर वापस जाने के लिए अपनी यात्रा शुरू की। 4 मई को झारखंड के हजारीबाग जिले के चोरदाहा में झारखंड-बिहार के अंतर-राज्यीय चेक पोस्ट के पास वह बीमार हो गई। कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला को अचेत अवस्था में पड़ा देखा। इसके बाद क्षेत्र के सर्कल अधिकारी शिवम गुप्ता ने उसे हजारीबाग सदर के महेश्वरा इलाके में एक पुनर्वास केंद्र में भेज दिया, जहां उसका इलाज किया गया और उसे भोजन दिया गया। हजारीबाग की समाज कल्याण अधिकारी शिप्रा सिन्हा ने ये जानकारी दी।
महिला का कोविड-19 टेस्ट किया गया, जो नेगेटिव आया। बाद में भागलपुर के अधिकारियों से संपर्क किया गया और वे मंडोर में मिर्जा चौक आए और उसे एक कार से ले गए। अधिकारी ने बताया, 'महिला 14 मई को अपने पति से फिर से मिली और दोनों बहुत खुश थे।'
महिला ने सभी अधिकारियों का धन्यवाद कहा। उसने कहा कि मैं घर लौटने की सभी उम्मीद खो चुकी थी।