चार राज्यों में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद भाजपा गुजरात में सक्रिय हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में रोड शो किया। वहीं पंजाब में धमाकेदार जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी गुजरात में 'तिरंगा यात्रा' निकालने की तैयारी में है। दूसरी तरफ 5 राज्यों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के लिये गुजरात जीतना सबसे बड़ी चुनौती है। इस साल के आखिरी में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछली बार राहुल गांधी के जबरदस्त चुनावी प्रचार के बाद कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था और सरकार बनाने से कुछ सीट पीछे रह गयी थी। लेकिन इस बार कांग्रेस की क्या रणनीति है इस पर टाइम्स नाउ नवभारत ने गुजरात कांग्रेस के प्रभारी डॉक्टर रघु शर्मा से बात की। उन्होंने कहा कि हर राज्य की राजनीतिक परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। हम माइक्रो लेवल पर चुनाव प्रबंधन कर रहे और पिछली बार की गलतियों को सुधारते हुए इस बार गुजरात मे सरकार बनाएंगे।
5 राज्यों में मिली हार की वजहों पर रघु शर्मा ने बताया कि इसके मंथन के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष ने 'कांग्रेस वर्किंग कमिटी' की बैठक बुलाई है। लेकिन हम 2017 को भी नहीं भूलना चाहिए। उस समय भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव में हमारी हार हुई थी लेकिन गुजरात में हमने शानदार प्रदर्शन किया था।
क्या गुजरात में आम आदमी पार्टी चुनौती?
पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने वाली आम आदमी पार्टी क्या गुजरात में भी चुनौती होगी? इस सवाल पर रघु शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी गुजरात में सिर्फ चुनाव के टाइम जाती है। लोग जानते हैं कि 5 साल वहां बीजेपी और कांग्रेस दो ही पार्टियां होती हैं। यह सही है कि कॉरपोरेशन के चुनाव में इन लोगों को कुछ सीटें मिली लेकिन इनके आधे से ज्यादा लोग भाजपा में चले गए जो दिखाता है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी बीजेपी की बी टीम से ज्यादा कुछ नहीं है।'
आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए रघु शर्मा ने कहा कि लोगों को समझ में आता है कि उनके मुश्किल समय में साथ में कौन रहा है? कोरोना के बुरे हालात में, पेपर लीक, ड्रग्स का मामला, हर दिन बिगड़ते कानून और व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस साथ रही। ऐसे में कोई पार्टी चुनाव के वक़्त ही कहीं आती है तो जनता सब समझती है।'
राहुल गांधी ने गुजरात में की है 'द्वारका घोषणा'
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने गुजरात के द्वारका में एक चिंतन शिविर आयोजित किया था। इसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। गुजरात विधानसभा चुनाव की लड़ाई जीतने के लिए इस चिन्तन शिविर में कांग्रेस ने जनकल्याण के 12 प्रमुख मुद्दों को हल करने का वादा किया। इनमें सबसे मुख्य किसानों की समस्या, महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा हल करना है। उसी दौरान राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देते हुए कहा था कि गुजरात के लिए एक विजन बनाएं। हमें गुजरात के लोगों को अपने काम की योजनाओं को बताना होगा।
2017 में कांग्रेस ने जीती थी 77 सीट
2017 में गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं वहीं बीजेपी में 99 सीट हासिल कर सरकार बनाई थी। 185 विधानसभा सीट वाले गुजरात में बीजेपी की सीटें 115 से घटकर 99 हो गयी थी। हालांकि बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी ने 4 साल में दो मुख्यमंत्री बदल दिए। जिस पर कांग्रेस हमलावर रही।