- मुंबई मेट्रो कार शेड के लिए 2600 से ज्यादा पेड़ काट रही है
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी पेड़ कटाई के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं
- फैसले के बाद आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई शुरू हुई, जिसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे
मुंबई: उत्तरी मुंबई में आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट से खारिज होने होने के कुछ ही घंटे बाद ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गई। पेड़ों की कटाई के खिलाफ लोग एकत्र हुए और उन्होंने अपना विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। लोगों ने आरोप लगाया कि पेड़ काटना शुरू कर दिया है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिन 2600 पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 200 पेड़ शुक्रवार को काट डाले गए।
शुक्रवार देर रात सैकड़ों लोग पेड़ों को काटने से रोकने के लिए पहुंचे। मौके पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को बाद में पुलिस ने हटाया। प्रस्तावित कार शेड स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
मेट्रो शेड के लिए पेड़ों की कटाई का शिवसेना भी विरोध कर रही है, जो कि बीजेपी के साथ सरकार में है और गठबंधन में चुनाव भी लड़ रही है। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर अपना विरोध जताया। उन्होंने कहा, 'शिवसेना की शीतल म्हात्रे जी और शुभा राउज जी आरे में हैं। यहां तक कि प्रभु सुनील जी भी लोगों के साथ इसके लिए खड़े हुए हैं। आश्चर्य है कि मुंबई मेट्रो 3 मुंबईकरों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार क्यों कर रही है और सतत विकास के लिए उनकी मांग नहीं सुन रही है।'
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, 'एक परियोजना जिसे गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए था, मेट्रो 3, मुंबई मेट्रो 3 को रात में शर्म, धूर्तता और भारी पुलिस कवर के साथ करना पड़ रहा है। इस परियोजना से मुंबई को स्वच्छ हवा मिलने वाली थी, लेकिन ये एक जंगल को काट रही है।'
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'रात में जंगल में जाना मना होता है, पेड़ों को काटना मना होता है। ये लोग आरे को मार रहे हैं। इतनी पुलिस को लेकर आए हैं। महिलाओं को हिरासत में लेकर गए हैं। लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।'
वहीं एक अन्य ने कहा, 'कोर्ट ने कहा कि पेड़ काट सकते हैं, तो हम भी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। उन्होंने शुक्रवार को जानबूझकर किया, क्योंकि शुक्रवार को कुछ नहीं कर सकते। रात को पड़े काट रहे हैं। 2 घंटे में 400 पेड़ काट दिए। कुछ लोग अंदर गए तो उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया।'
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने और वहां पेड़ों की कटाई संबंधी बीएमसी का एक फैसला रद्द करने से इंकार करते हुए कहा कि पर्यावरणविद नाकाम रहे हैं। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को कार शेड बनाने के लिए आरे कॉलोनी में 2,656 पेड़ काटने की बीएमसी की मंजूरी को भी चुनौती दी गई थी।