- एबीजी शिपयार्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
- बैंकिंग इतिहास में अब तक सबसे बड़ा फ्रॉड बताया जा रहा है
- बीजेपी ने कांग्रेस पर घोटाले का आरोप मढ़ा
एबीजी शिपयार्ड स्कैम(ABG Shipyard fraud case) को अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला बताया जा रहा है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय(enforcement directorate) की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering case)में केस दर्ज किया गया है। लेकिन इस मामले में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस(congress) का कहना है कि ये है मोदी राज। लेकिन अब बीजेपी( bjp allegations on congress) का कहना है कि कांग्रेस साफ करे कि जो लोग इस घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं उनका कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से किस तरह का संबंध रहा है। बीजेपी का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड स्कैम के लिए कांग्रेस पार्टी ही जिम्मेदार है।
'सच ये कि कांग्रेस का घोटाले से संबंध'
बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस का करप्शन से पुराना नाता है। कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने एबीजी शिपयार्ड के संबंध में सरकार पर आधारहीन आरोप लगाए। लेकिन अब सच्चाई यह है कि जो सीबीआई की फैक्टशीट से प्रमाणित होती है कि कांग्रेस पार्टी का इस घोटाले से सीधा संबंध है।
एक नजर में एबीजी शिपयार्ड स्कैम
- ABG शिपयार्ड ने 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये का चूना लगाया
- CBI ने एबीजी शिपयार्ड और उसके निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज।
- एबीजी पर ICICI का सबसे अधिक राशि ₹7,089 करोड़ का बकाया
- IDBI, SBI, PNB और बैंक ऑप बड़ौदा जैसे बैंकों के 1 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया
- मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, मगदला विलेज, ऑफ डुमास रोड, सूरत पर केस दर्ज
- गुजरात कंपनी, ऋषि कमलेश अग्रवाल, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, गारंटर संथानम मुथास्वामी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्वनी कुमार, डायरेक्टर सुशील कुमार अग्रवाल, डायरेक्टर रवि विमल निवेदिता पर केस
- डायरेक्टर मेसर्स एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और अज्ञात सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, चीटिंग, क्रिमिनल बीच ऑफ ट्रस्ट का मामला
'घोटाला तो यूपीए शासन के दौर में हुआ'
सुधांशु त्रिवेदी ने बताया कि 30 नवंबर 2013 को एबीजी शिपयार्ड, एनपीए की कैटिगरी में आई और उस समय कांग्रेस की सरकार थी। एबीजी शिपयार्ड के खाते में कई तरह की अनियमितता थी। सबसे बड़ी खामी 2005 से 2011 के दौरान थी। अब सवाल यह है कि उस दौरान कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। यही नहीं नेवी से संबंधित एक बड़ी डील को 2011 में इस कंपनी को दी गई। लेकिन बीजेपी सरकार ने उस डील को कैंसिल कर दिया।
ABG Shipyard: 'एबीजी शिपयार्ड' के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग केस किया दर्ज