- दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब, कई जगहों पर पर एक्यूआई लेवल 300 के पार
- प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाने का किया फैसला
- चंडीगढ़ प्रशासन ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का किया ऐलान
नई दिल्ली। इस समय हर सांस पर स्मॉग का पहरा है, दिल्ली और एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बेहद ही खराब है, पीएम 2.5 और 10 लोगों के फेफड़ों को निशाना बन रहा है, ऐसे में पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि दिवाली के समय हालात और खराब होंगे। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने पटाखों के जलाने और बिक्री पर 30 नवंबर तक बैन लगा रखा है। इसके साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पटाखों पर बैन लगा दिया है। लेकिन यूपी और हरियाणा का रुख अलग है।
हरियाणा सरकार का नजरिया थोड़ा अलग
हरियाणा सरकार का कहना है कि जहां तक पटाखों की बिक्री पर बैन का सवाल है तो वो पूरे राज्य में बैन के पक्ष में नहीं है। दिल्ली से सटे हरियाणा के शहरों में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई जा सकती है। हरियाणा सरकार ने एनजीटी के सामने दलील रखी कि जहां तक प्रदूषण का सवाल है उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इसलिए सरकार का मानना है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता ज्यादा खराब न हो इसके लिए पड़ोसी शहरों के बारे में विचार किया जा सकता है।
यूपी की भी राय अलग
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे पर यूपी सरकार का तर्क है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लिहाज हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। जहां तक वायु की गुणवत्ता का सवाल है तो सरकार का स्पष्ट मानना है कि हर एक स्वच्छ हवा का अधिकार है। यूपी सरकार ने अपने एनसीआर वाले शहरों में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए तमाम तरह की कवायदें की हैं। लेकिन जहां तक पटाखों पर पूर्ण पाबंदी की बात है तो सरकार उससे पूरी तरह सहमत नहीं है।