नयी दिल्ली: लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात को 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास पर हुई बैठक को विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच मतभेदों को सुलझाने के प्रयास जारी हैं।
अगस्त में बिहार में भाजपा से नाता तोड़ने तथा राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए राजद और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद से कुमार की सोनिया गांधी से यह पहली मुलाकात है। लंबे समय के बाद, लालू प्रसाद की भी सक्रिय रूप से यह पहली राजनीतिक बैठक थी। वह कुछ समय से बीमार थे।
बैठक के बाद, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमें भाजपा को शिकस्त देने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना होगा। कांग्रेस अपना नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में जुटी हुई है और सोनिया गांधी ने हमसे कहा है कि हम (कांग्रेस अध्यक्ष पद के) चुनाव के बाद फिर मिलेंगे।'
कुमार ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए सभी विपक्षी दलों के हाथ मिलाने और साथ मिल कर काम करने की जरूरत है।बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दल सहमत हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद हम एक ठोस कार्य योजना पर चर्चा करेंगे।'
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया जारी
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है और एक से अधिक उम्मीदवार रहने पर चुनाव 17 अक्टूबर को होगा।इससे पहले दिन में, कुमार ने कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी दलों से भाजपा का मुकाबला करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि 'विपक्ष का मुख्य मोर्चा' 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की करारी शिकस्त को सुनिश्चित करेगा।
'तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है'
कुमार ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट होते हैं तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है।कांग्रेस के साथ टकराव का लंबा इतिहास रखने वाले इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला और शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल मंच पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी और शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य नेता वरिष्ठ नेताओं के साथ मौजूद थे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे, जिसे गैर-भाजपा दलों के बीच एकता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस की ओर से कोई भी रैली में शामिल नहीं हुआ।