गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद लगभग 2105 प्रवासी प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत प्रदान की गई नौकरियों को लेने के लिए कश्मीर घाटी वापस लौट आए हैं। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि 2020-2021 में प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत कुल 841 नियुक्तियां की गईं, इसके बाद 2021-2022 में 1264 नियुक्तियां की गईं।
2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर घाटी में पुनर्वासित कश्मीरी पंडितों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर राय ने उक्त विवरण साझा किया। अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हिंदुओं की हत्या पर राय ने कहा 5 अगस्त 2019 से 24 मार्च 2022 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा 4 कश्मीरी पंडितों और 10 अन्य हिंदुओं सहित कुल 14 लोग मारे गए।
मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त 2009 और 31 दिसंबर 2019 के बीच तीन हिंदुओं की हत्या की गई; 2020 में एक कश्मीरी पंडित समेत दो लोग; 2021 में तीन कश्मीरी पंडितों और छह अन्य हिंदुओं सहित नौ लोगों की हत्या की गई। इस साल 24 मार्च तक कश्मीर घाटी में किसी भी आतंकवादी हमले में एक भी कश्मीरी पंडित और अन्य हिंदुओं के मारे जाने की खबर नहीं है। मंत्री ने बाद में कहा कि सरकार ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले कम हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2018 में 417 आतंकवादी हमले हुए जबकि 2019 में 255 आतंकी हमले, 2020 में 244 आतंकी हमले और 2021 में 229 आतंकी हमले हुए। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक, पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षा कर्मी मारे गए थे। उन्होंने बताया कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कम से कम 370 नागरिक और 99 सुरक्षा कर्मी मारे गए हैं।
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