लाइव टीवी

Rajya Sabha Election:गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा का चुनाव हुआ दिलचस्प, जानिए कैसे

Rajya Sabha Election:गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा का चुनाव हुआ दिलचस्प, जानिए कैसे
बीरेंद्र चौधरी | सीनियर न्यूज़ एडिटर
Updated Jun 08, 2020 | 21:17 IST

Rajyasabha elections: 19 जून को राज्यसभा का चुनाव संपन्न होना है। लेकिन उससे पहले गुजरात में समीकरण तेजी से बदला है। कांग्रेस के आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद तस्वीर बदल गई है।

Loading ...
Rajya Sabha Election:गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा का चुनाव हुआ दिलचस्प, जानिए कैसेRajya Sabha Election:गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा का चुनाव हुआ दिलचस्प, जानिए कैसे
19 जून को होना है राज्यसभा चुनाव
मुख्य बातें
  • कांग्रेस के 8 विधायक पार्टी से दे चुके हैं इस्तीफा
  • राज्सभा में जीत दर्ज करने के लिए 35 विधायक होने चाहिए
  • विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेसी खेमे के लिए मुश्किल घड़ी

गुजरात में राज्य सभा का चुनाव जून 19 को हो रहा है जिसमें चार सीटों के लिए घमासान मचा हुआ है. कायदे से भारतीय जनता पार्टी को दो और कांग्रेस को दो सीट मिलने की संभावना है. लेकिन स्थिति कुछ और बनती दिख रही है जिसके हिसाब से भाजपा को दो सीट तो पक्का मिलेगा और कांग्रेस को केवल एक सीट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. भाजपा ने पूर्व कांग्रेसी और पाटीदार नेता नरहरि अमीन को तीसरे उम्मीदवार के रूप में खड़ा कर दिया है. इसी तीसरे उम्मीदवार ने कांग्रेस की हवा उड़ा दी है. वैसे गुजरात के 2017 के राज्य सभा चुनाव भी हंगामेदार ही था जिसमें कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल बड़े ही मुश्किल से चुनाव जीते थे तो सवाल है कि अबकी बार गुजरात के राज्य सभा चुनाव आसानी से क्यों हो? फिलहाल अबकी बार के गुजरात राज्य सभा चुनाव के हंगामे को समझना जरुरी है. सबसे पहले देखते हैं

गुजरात विधानसभा का पार्टी पोजीशन

पार्टी सीट
बीजेपी 103
कांग्रेस 73
बीटीपी 2
एनसीपी 1
निर्दलीय 1
रिक्त 2
कुल 182

राज्य सभा चुनाव मार्च में ही होने थे लेकिन कोरोना महामारी की वजह से चुनाव को टाल दिया गया वही चुनाव अब जून 19 को होने जा रहे है। उसी समय से गुजरात काँग्रेस में एक राजनीतिक खेलों का भूचाल चल रहा है । खेल ये हुआ कि उसी समय यानि मार्च में ही काँग्रेस के 5 एमएलए ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब तीन और एमएलए ने काँग्रेस से इस्तीफा दे दिया है तो कुल मिलाकर काँग्रेस के आठ एमएलए पार्टी छोड़ चुके हैं। इसका मतलब हुआ कि गुजरात विधान सभा में अब काँग्रेस के सिर्फ 65 एमएलए रह गए हैं। इसके बाद गुजरात विधान सभा में काँग्रेस की संख्या घट गयी है।

कांग्रेस के आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी पोजीशन

पार्टी सीट
बीजेपी 103
कांग्रेस 65
बीटीपी 2
एनसीपी 1
निर्दलीय 1
कुल 172
रिक्त 2
कांग्रेस से इस्तीफा 8
कुल 182


इन आठ सीटों ने ही काँग्रेस को राज्य सभा में दो सीट मिलने में भारी संकट उत्पन्न कर दिया है जिसकी वजह से काँग्रेस चक्रव्युह में फँसती हुई दिखाई दे रही है। क्या काँग्रेस इस चक्रव्युह को भेद पाएगी?

अब देखिए इस चक्रव्युह का खेल है क्या? इस चक्रव्युह को समझने के लिए पहले समझना होगा कि गुजरात के राज्य सभा चुनाव में एक राज्य सभा सीट जीतने के लिए कितने वोट चाहिए? गुजरात के एक राज्य सभा सीट जीतने के लिए 35 वोट चाहिए। सवाल है कि ये 35 वोट कैसे बनता है?

गुजरात में राज्य सभा चुनाव के लिए वोटों का फॉर्मूला

टोटल नंबर ऑफ एमएलए  में  (नंबर ऑफ वेकेंसिस +1) से भाग देने के बाद जो नतीजा आएगा उसमें एक जोड़ देंगे और इस तरह वोटों का फॉर्मूला तय होगा। इस समय गुजरात विधानसभा में विधायकों की संख्या 172 है और नंबर ऑफ वेकेंसिस 4 है। फार्मूले के हिसाब से पहले 172 में पांच से भाग देंगे और नतीजा 34.4 आएगा। फिर 34.4 में एक और जोडे़ंगे तो अंतिम नतीजा 35.4 होगा। इसका मतलब हुआ कि गुजरात में एक राज्य सभा के सीट को जीतने के लिए 35 वोट चाहिए।

अब देखिए बीजेपी और काँग्रेस कितना सीट जीत पाती है

सबसे पहले बीजेपी। बीजेपी के 103 वोटों में से 70 वोटों के साथ 2 सीट मिल जाएगी और उसके पास बचेगा 33 वोट। मतलब ये कि बीजेपी को तीसरा सीट जीतने के लिए सिर्फ 2 वोटों का इंतजाम करना होगा क्योंकि उसके पास 33 तो है ही।

अब देखिए काँग्रेस कि स्थिति। काँग्रेस 65 वोटों में से 35 वोट के साथ 1 सीट आराम से जीत जाएगी और उसके पास बचेगा 30 वोट। इसका मतलब काँग्रेस को दूसरा सीट जीतने के लिए 5 वोट और चाहिए क्योंकि उसके पास 30 वोट तो है ही।

चार सीटों का खेल

और अब देखना होगा गुजरात विधान सभा के उन चार सीटों का खेल जो तीन पार्टी के पास है। उनकी स्थिति इस प्रकार है:

गुजरात विधान सभा 

पार्टी सीट
बीटीपी 2
एनसीपी 1
निर्दलीय 1
कुल 4

भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी)

सबसे पहले बीटीपी यानि भारतीय ट्राइबल पार्टी जिनके पास 2 सीट है। इस पार्टी ने 2017 के गुजरात राज्य सभा चुनाव में काँग्रेस के अहमद पटेल को अपना वोट दिया था जिसकी वजह से ही अहमद पटेल ने बड़े मुश्किल के साथ राज्य सभा सीट जीता था। लेकिन 2019 के राज्य सभा चुनाव में बीटीपी ने काँग्रेस को वोट नहीं दिया बल्कि बीजेपी के नेता और

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को अपना वोट दे कर सीधा यू टर्न ले लिया। हालांकि बीटीपी के नेता छोतु वसावा और उनके पुत्र ने इस बात को पब्लिकली स्वीकार नहीं किया। छोतु वसावा 2017 के राज्य सभा चुनाव के समय जेडीयू में हुआ करते थे लेकिन 2017 के बाद वसावा का रिश्ता काँग्रेस के साथ खराब हो गया बल्कि काँग्रेस 2019 के लोक सभा चुनाव में इनके साथ गठबंधन करना चाहती थी लेकिन उल्टे वसावा ने अपनी पार्टी से 7 उम्मीदवार खड़ा कर कर दिया। यानि काँग्रेस के साथ रिश्ता हो गया खतम। और उसके बाद 2019 के राज्य सभा चुनाव में बीजेपी को अपना समर्थन दे दिया। इसका अर्थ यही निकाल रहा है कि वासवा के लिए 2019 और 2020 में कोई खास फर्क नहीं आया है। ऐसी स्थिति में माना जा सकता है कि अबकी बार भी बीटीपी बीजेपी को अपना वोट दे सकती है।

राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (एनसीपी ) एनसीपी के एमएलए कंधल जडेजा 2017 से ही बीजेपी के समर्थन में अपना वोट करते आए हैं। इसलिए इस बार भी वो ऐसा ही करेंगे ऐसा माना जा रहा है।

निर्दलीय

निर्दलीय एमएलए जिग्नेश मेवानी पाटीदार के युवा नेता हार्दिक पटेल के खासम खास रहे हैं और हार्दिक पटेल का काँग्रेस के साथ खास संबंध रहा है। ऐसी स्थिति में मेवानी राज्य सभा चुनाव में काँग्रेस को अपना समर्थन जरूर देंगे। ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

चार सीटों का खेल क्या कहता है?

गुजरात विधान सभा पार्टी सीट बीटीपी 2 एनसीपी 1 निर्दलीय 1 कुल 4 बीजेपी को तीसरा सीट जीतने के लिए कम से कम 2 वोट और चाहिए क्योंकि उसके पास 33 वोट है ही। लेकिन 4 सीटों के खेल के चक्रव्युह में बीजेपी को बीटीपी का 2 और एनसीपी का 1 सीट मिलने की संभावना है।दूसरी तरफ काँग्रेस को दूसरा सीट जीतने के लिए 5 वोट और चाहिए क्योंकि उसके पास सिर्फ 30 ही बचे हैं और 4 के चक्रव्युह से काँग्रेस को सिर्फ मेवानी का 1 सीट मिलता दिखाई दे रहा है। ऐसी स्थिति में काँग्रेस को दूसरी सीट से हाथ धोना पर सकता है।

कौन हैं नरहरि अमीन?

नरहरि अमीन गुजरात के कद्दावर पाटीदार नेता माने जाते हैं। साथ ही वर्षों काँग्रेस में रहे हैं बल्कि कोङ्ग्रेस्सी सरकार में उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। काँग्रेस ने 2012 के गुजरात विधान सभा चुनाव में अमीन को टिकट नहीं दिया उसी से नाराज होकर उन्होने बीजेपी का दामन संभाल लिया और लगातार तब से अमीन बीजेपी में ही हैं। नरहरि अमीन वर्षों से क्रिकेट और बीसीसीआई से जुड़े रहे हैं और इसी वजह से एनसीपी सुप्रेमो शरद पवार से भी उनका खास ररिश्ता रहा है ऐसा माना जाता है। इसीलिए बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए नरहरि अमीन को तीसरा उम्मीदवार बनाकर काँग्रेस को चक्रव्युह में उलझा दिया है। इसी वजह से काँग्रेस ने अपने एमएलए को सुरक्षित रखने के लिए एक बार फिर से रिज़ॉर्ट पोलटिक्स का सहारा लिया है।

संभावना क्या है ?

संभावना ये है कि बीजेपी गुजरात राज्य सभा चुनाव में 3 सीट जीत सकती है और काँग्रेस को 1 ही सीट से संतोष करना पड़ सकता है। वैसे अंतिम परिणाम तो 19 जून को आएगा तब तक हमें करना होगा इंतजार।

(लेखक टाइम्स नाउ में न्यूज एडिटर हैं)

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।