- आगरा में कोरोना की शुरूआत इटली घूमकर आए एक परिवार के साथ हुई
- आगरा प्रशासन ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बनाए हैं 33 हॉटस्पॉट
- प्रशासन ने एक हजार से ज्यादा मेडिकल टीमों का गठन कर की लाखों की स्क्रीनिंग
आगरा: देश में बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों के बीच, उत्तर प्रदेश का आगरा मॉडल एक नजीर बनकर सामने आ रहा है। कोरोनॉयरस की खतरनाक श्रृंखला को तोड़ने के लिए क्लस्टर प्रबंधन के मामले में यह एक श्रेष्ठ मॉडल के रूप में उभरा है जिसकी तारीफ केंद्र सरकार भी कर चुकी है। आगरा ही वह जिला था जहां यूपी में 6 अप्रैल को सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट जोन बनाए गए थे और अभी तक 33 हॉटस्पॉट यहां बनाए गए हैं।। अभी तक प्रशासन ने जो रणनीति यहां अपनाई है उसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है।
पुलिस- प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल
दरअसल आगरा में कोरोना की शुरूआत तब हुई ती जब इटली से घूमकर आए एक परिवार में कोविड 19 के लक्षण मिले थे और कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती ये थी कि कैसे इनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जाए। प्रशासन ने इसके लिए कदम उठाए और बेहतर तालमेल के जरिए पता लगाया कि ये लोग किन-किन लोगों के संपर्क में आए और वो कहां-कहां रहते हैं। इसके बाद तीन किलोमीटर की एरिया को कंटेंटमेट जोन और पांच किलोमीटर की एरिया को बफर जोन में तब्दील कर दिया गया।
केंद्र ने की तारीफ
राजस्थान के भीलवाड़ा के बाद, 'आगरा मॉडल ऑफ कन्टेनमेंट' अब एक और सफलता की कहानी बनकर उभरा है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने बताया कि कैसे स्थानीय प्रशासन आगरा में घातक कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाने में कामयाब रहा। आगरा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 92 है जिनमें से 10 मरीज ठीक हो चुके हैं।
एक हजार से ज्यादा मेडिकल टीम
दैनिक जागरण के मुताबिक, इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने एक-दूसरे का सहयोग लेते हुए एक हजार से ज्यादा मेडिकल टीमों का गठन किया और 9 लाख से ज्यादा लोगों का सर्वे किया। ढ़ाई हजार लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण मिले जिन पर नजर रखी जा रही है। होटलों में 566 बेड तथा अन्य में 3180 बेड रिजर्व किए गए हैं ताकि मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से किया जा सके। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ को भी क्वारंटीन किया गया है। इंसान ही नहीं पशु पक्षियों का भी ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें भोजन, दाना-पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
घर पर हर सामान की होम डिलीवरी
लोगों की दिक्कतों का ध्यान रखते हुए प्रशासन ने कमांड और कंट्रोल रूम तैयार किया है और सामान के लिए ग्रॉसरी ऐप भी लांच किया जा चुका है। प्रशासन का ज्यादा ध्यान ई- कॉमर्स पर है तांकि दवा और जरूरी सामान की होम डिलीवरी की जा सके। लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए मैनुअल पास भी जारी किए गए हैं और जनसहयोग से कम्युनिटी किचन भी बनाया गया है।