- सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं- प्रियंका
- मिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने- प्रियंका गांधी
- कल यानि पांच अगस्त को होना है राम मंदिर का भूमि पूजन
नई दिल्ली: अयोध्या में कल यानि बुधवार को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम से पहले राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भूमि पूजन से पहले एक पत्र के माध्यम से अपना बयान जारी किया है। प्रियंका ने इस पत्र में भगवान राम के रूपों का बखान किया है। प्रियंका गांधी ने कहा कि भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
क्या लिखा पत्र में
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा, 'दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृति और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है... उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है।'
सबका कल्याण चाहते हैं राम
राम के चरित्र का बखान करते हुए प्रियंका गांधी ने लिखा 'राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं, और त्याग भी। राम सबरी के हैं, सुग्रीव के भी हैं। कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के भी हैं। वे वाल्मीकि के हैं और भास के भी। गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं- जो रब है, वही राम है। राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं इसलिए वो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।'