- सोमवार से शुरू हो रहा है संसद का शीतकालीन सत्र, पीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
- सदन को सुचारू रूप से चलाने पर होगी चर्चा, सत्र में कई अहम बिल पेश करेगी सरकार
- किसानों के मुददे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा विपक्ष, कांग्रेस ने भी बुलाई बैठक
नई दिल्ली : सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार को) सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में शुरू हो रहे सत्र के एजेंडे और सदन में होने वाले अहम कार्यों पर चर्चा की जाएगी। राज्यसभा के उप सभापति वेंकैया नायडू ने भी रविवार शाम को फ्लोर के नेताओं की बैठक बुलाई है। संसद का सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की परंपरा रही है। इन बैठकों का उद्देश्य सदन को सुचारू रूप से चलाना होता है। शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार कई अहम विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा।
कृषि कानूनों की वापसी के लिए बिल लाएगी सरकार
संसद का यह शीतकालीन सत्र काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक पेश करने वाली है। पीएम मोदी ने गत19 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों की वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी। हालांकि, किसान संगठनों ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है। संगठनों का कहना है कि संसद में कानूनों की वापसी के बाद ही वह आंदोलन खत्म करने पर फैसला लेंगे। किसान संगठन अब एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने एमएसपी सहित छह मांगें सरकार के सामने रखी हैं।
किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
कैबिनेट तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर पहले ही लगा चुका है। अब सरकार इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के किस दिन पेश करती है, यह देखने वाली बात होगी। वहीं, विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी के मसले पर सरकार को घेरना चाहता है। विपक्ष की तैयारी किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की है। कांग्रेस ने लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों के अपने सदस्यों के लिए ह्विप जारी किया है। पार्टी ने अपने सभी सदस्यों को सोमवार को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है।
लोकसभा अध्यक्ष 29 को करेंगे बैठक
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 29 नवंबर को संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों ने बताया कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में 26 नवंबर को लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का लगभग सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। बिरला ने विपक्षी दलों द्वारा कार्यक्रम के बहिष्कार को लेकर ‘दुख’व्यक्त किया था। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिरला ने कहा था कि वह सदन के सुचारू संचालन को लेकर आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष के साथ बैठेंगे। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि अध्यक्ष सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।