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UP Madrasa: यह सर्वे नहीं, छोटा NRC है- CM योगी के फैसले पर बिफरे ओवैसी, आजादी की दिलाई याद

Updated Sep 01, 2022 | 14:52 IST

UP Madrasa: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। ताकि शिक्षकों और छात्रों की संख्या, पाठ्यक्रम और किसी भी गैर-सरकारी संगठन से इसकी संबद्धता जैसी जानकारी का पता लगाया जा सके।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
ओवैसी ने यूपी सरकार पर बोला हमला
मुख्य बातें
  • सीएम योगी ने दिया है गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का आदेश
  • इसी आदेश को लेकर भड़के हैं ओवैसी
  • ओवैसी ने दिलाई संविधान की याद

UP Madrasa: यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया है, जो मान्यता प्राप्त नहीं है। अब इसी को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ये सर्वे नहीं है बल्कि छोटा एनआरसी है।

ओवैसी ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा- "मदरसे अनुच्छेद 30 के अनुसार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वेक्षण का आदेश क्यों दिया है? यह कोई सर्वेक्षण नहीं है बल्कि एक मिनी एनआरसी है। कुछ मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अधीन हैं। राज्य सरकार अनुच्छेद 30 के तहत हमारे अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। वे मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं।"

ओवैसी ने कहा कि सरकार मदरसों को शक की नजर से देख रही है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट मदरसे का सरकार से कोई लेना देना नहीं है। फिर सर्वे क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है। इन्हीं मदरसों ने मुल्क को आजाद करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। आज सरकार उन्हीं मदरसों को शक की निगाह से देख रही है। 

वहीं अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि कि इस सर्वे से मदरसे का नाम और इसे संचालित करने वाली संस्था का नाम, चाहे वह निजी या किराए के भवन में चल रहा हो, उसकी जानकारी मिल सकेगी। सर्वे से उसमें पीने के पानी, फर्नीचर, बिजली की आपूर्ति और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के बारे में पता चल सकेगा। जिसके आधार पर आगे काम किया जाएगा।

बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 16,461 मदरसे संचालित हैं। राज्य के कुल मदरसों में से 560 को सरकारी अनुदान दिया गया है, जबकि राज्य में पिछले छह वर्षों से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया गया है।

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