- केरल में 'सुरीली हिंदी' के पहले संस्करण की शुरुआत साल 2016-17 में हुई
- राज्य सरकार प्रदेश के स्कूलों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए चला रही कार्यक्रम
- कोरोना संकट के दौरान हिंदी सीखने के लिए ज्यादा जोर डिजिटल कंटेंट पर दिया
तिरूवनंतपुरम : दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी कम बोली और समझी जाती है। अब छात्रों को हिंदी से जोड़ने के लिए केरल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। हिंदी भाषा के प्रति छात्रों को आकर्षित करने के लिए केरल सरकार ने सोमवार को 'सुरीली हिंदी' के नए संस्करण की शुरुआत की। राज्य सरकार का लक्ष्य इसके जरिए हिंदी सीखने को ज्यादा आसान बनाना है।
नए संस्करण में एनीमेशन, पपेट्री पर जोर
इस नए कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए राज्य शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने कहा, 'समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है। 'सुरीली हिंदी' के नए संस्करण में एनीमेशन, पपेट्री एवं पिक्चर ट्रांजिशन सहित अन्य तकनीक शामिल की गई है। यह हिंदी सीखने के लिए छात्रों को ज्यादा आकर्षित करेगा।'
पांच से 12वीं तक के बच्चों के लिए कंटेंट
राज्य सरकार ने अपने इस नए संस्करण में कक्षा पांच से 12वीं तक के बच्चों के लिए गतिविधियां तैयार की हैं। इस मॉड्यूल में कहानियां, कविताएं और नाटक शामिल हैं। सभी उच्च प्राइमरी स्कूलों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए 'सुरीली हिंदी' के पहले संस्करण की शुरुआत साल 2016-17 में हुई। इसके बाद साल 2018-19 में इस कार्यक्रम में कक्षा 5वीं से आठवीं तक के छात्रों को शामिल किया गया।
कोरोना काल में उपलब्ध कराया डिजिटल कंटेंट
साल 2020 में कोरोना संकट के दौरान हिंदी सीखने के लिए ज्यादा जोर डिजिटल कंटेंट पर दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि 'सुरीली हिंदी 2020' के तहत चयनित कविताओं को वीडियो कंटेंट के रूप में तैयार कर कक्षा पांच से आठवीं तक के बच्चों को उपलब्ध कराया गया।