नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ की प्रमुख आइशी घोष पश्चिम बंगाल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। वह जेएनयू छात्र संघ की पहली अध्यक्ष हैं जो पद पर रहत हुए विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। सीपीएम ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए जमुरिया सीट दी है। उन्हें संयुक्त मोर्चा का समर्थन है।
उन्होंने आज सुबह ट्वीट किया, 'संयुक्त मोर्चा द्वारा समर्थित माकपा के उम्मीदवार के रूप में जमुरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूंगी। आप सभी का समर्थन चाहिए।
लेफ्ट और कांग्रेस ने इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (ISF) के साथ मिलकर बंगाल चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वाम मोर्चे ने पहले दो चरणों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 5 मार्च को की थी। बुधवार को शेष छह चरणों के लिए उसे आवंटित अधिकांश सीटों के नाम सामने आए।
कौन है आइशी घोष
आइशी घोष की पिछले साल एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी। दरअसल, पिछले साल जनवरी में जेएनयू कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हुए बर्बर हमले में वो बुरी तरह घायल हो गए थे। वो इस हमले में बुरी तरह से लहूलुहान हो गई थीं। उनके पूरे चेहरे पर खून लगा हुआ था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब वो अस्पताल से आईं तो उनके माथे और हाथ पर पट्टी लगी हुई थी। घोष स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की नेता है। 26 साल की आइशी एम.फिल छात्र हैं। वो सितंबर 2019 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में 2313 मतों के साथ जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष चुनी गई थीं। उन्होंने मनीष जांगीड़ को मात दी थी।
आइशी घोष झारखण्ड के धनबाद की रहने वाली हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई भी धनबाद से हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए आइशी दिल्ली आ गईं और साल 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के दौलतराम कॉलेज में पढ़ने गईं। वहां से डिग्री लेने के बाद उन्होंने साल 2016 में जेएनयू में इंटरनेशनल रिलेशन में एम ए में एडमिशन लिया।