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इस 'दोस्ताने' से चिढ़ेंगे चीन और पाक, पोंपियो-एस्पर से अलग से मिले अजीत डोभाल

Ajit Doval meets with Michael Pompeo and Mark Esper with South block
Updated Oct 27, 2020 | 11:58 IST

अजीत डोभाल केवल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नहीं हैं बल्कि वह चीन मामलों के विशेष प्रतिनिधि भी हैं। बैठक में पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध एवं चीन की 'चालबाजियां' रही होंगी।

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Ajit Doval meets with Michael Pompeo and Mark Esper with South blockAjit Doval meets with Michael Pompeo and Mark Esper with South block
पोंपियो-एस्पर से अलग से मिले अजीत डोभाल।
मुख्य बातें
  • साउथ ब्लॉक में अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से मिले अजीत डोभाल
  • दोनों पक्षों में करीब आधे घंटे तक चली बैठक, कई मुद्दों पर हुई बातचीत
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अलावा चीन मामलों के विशेष प्रतिनिधि भी हैं डोभाल

नई दिल्ली : भारत के साथ 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री पाइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल की भी बैठक हुई है। सूत्रों के मुताबिक डोभाल के साथ अमेरिका के दोनों मंत्रियों के साथ यह बैठक करीब आधे घंटे चली। इस बैठक को काफी सफल बताया जा रहा है। भारत और अमेरिका ने बेकिस एग्रीमेंट कोऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) पर मुहर लगा दी है। यह करार काफी अहम माना जा रहा है।

बता दें कि अजीत डोभाल केवल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नहीं हैं बल्कि वह चीन मामलों के विशेष प्रतिनिधि भी हैं। जाहिर है कि इस बैठक में पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध एवं चीन की 'चालबाजियां' चर्चा के केंद्र में रही होंगी।

AjitDoval

लद्दाख में सीमा विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के बाद डोभाल लगातार चीनी राजनयिकों के साथ बातचीत के लिए संपर्क में रहे हैं। 

जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान डोभाल, पोंपियो और एस्पर के बीच सामरिक महत्व के कई मुद्दों एवं चुनौतियों पर बातचीत हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने साझा हित के उद्देश्यों को नई ऊंचाई पर ले जाने की जरूरत बताई। साथ ही दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि एक सुरक्षित, स्थायी और नियम आधारित क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा माहौल बनाने के लिए सभी क्षेत्रों में क्षमताओं का निर्माण करना जरूरी है।  

BECA करार से भारत को अमेरिका से अहम सैटलाइट एवं सेंसर डाटा मिलेंगे। इस जानकारी से भारत अपने मिसाइलों एवं ड्रोन को ज्यादा सटीकता से अभियान पर रवाना कर सकेगा। दोनों देशों के बीच होने वाली 2+2 वार्ता में यह करार सबसे महत्वपूर्ण था। भारत और अमेरिका अपना रक्षा सहयोग और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। 

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