गुवाहाटी : नवनिर्वाचित असम विधानसभा का सत्र शुक्रवार को आहूत किया गया और अदालत से विशेष अनुमति लेकर जेल से शपथ ग्रहण समारोह में आए अखिल गोगोई के साथ कई लोग सेल्फी लेने के लिए उमड़े जिसमें विधानसभा कर्मचारी भी शामिल थे। गोगोई पहली बार विधायक चुने गए हैं। गोगोई एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे और बिना किसी भौतिक प्रचार के जेल में रहते हुए ही चुनाव जीतने वाले वह पहले असमिया बन गए। वह एक कैदी विधायक के रूप में शपथ लेने वाले असम विधानसभा के पहले सदस्य भी बन गए। संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद गोगोई को आतंकवाद और राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
गोगोई के साथ फोटो खिंचवाने के लिए विधानसभा कर्मचारियों में इतना उतावलापन था कि सादे कपड़े में विधानसभा इमारत में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और हाउस मार्शल को बीच-बचाव करना पड़ा। सदन की कार्यवाही पहले हिस्से के बाद स्थगित होने के बाद बड़ी संख्या में विधानसभा कर्मचारी गोगोई के कमरे के बाहर विधानसभा भवन के संकरे गलियारे में जमा हो गए।
गोगोई की एक झलक पाने के लिए उमड़े लोग
विधानसभा की एक महिला कर्मचारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वह और उनके सहयोगी उस कमरे के बाहर आ गए जहां गोगोई को रखा गया था ताकि वे आरटीआई कार्यकर्ता से नेता बने गोगोई की एक झलक पा सकें। उन्होंने कहा, मैंने विधानसभा में सेवा में 11 साल बिताए हैं और कभी किसी के साथ कोई तस्वीर नहीं खींची है, हम सभी अखिल गोगोई को देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं। गोगोई के कमरे के बाहर भीड़ जमा होने और लोगों द्वारा कोविड-19 महामारी के बीच एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन नहीं करने के चलते विशेष प्रकोष्ठ की पुलिस कमरे की रखवाली में तैनात की गई और उसने उसके बाद किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया।
सुबह में गोगोई भारी सुरक्षा वाले काफिले के साथ गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) से विधानसभा पहुंचे। अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है। विधानसभा में सुरक्षाकर्मियों को तब उन्हें धक्का देते देखा गया जह विधायक ने मुख्य गेट के बाहर मीडिया से बात करने की कोशिश की। विधानसभा इमारत के भीतर धकेले जाने के दौरान गोगोई चिल्लाते सुने गए, ‘मैं इस विधानसभा का एक विधायक हूं। आप एक विधायक को कैसे धक्का दे सकते हैं और घसीट सकते हैं? यह एक अपमान है ... कोई मेरी आवाज को चुप नहीं करा सकता।’
ईश्वर के नाम के बजाय ईमानदारी के नाम पर शपथ
सदन के अंदर गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के साथ इस मुद्दे को उठाया और विधायक के अनुसार मुख्यमंत्री ने संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका को मामले को देखने का निर्देश दिया। गोगोई ने ईश्वर के नाम के बजाय ईमानदारी के नाम पर शपथ ली।
किसी भी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे
बाद में विपक्षी विधायकों के लाउंज में बैठे गोगोई ने कहा कि मैं असम और इसके लोगों के कल्याण के बारे में वही पुराने सवाल इस बार मुख्यमंत्री, सत्ताधारी और विपक्षी विधायकों के सामने उठाऊंगा। गोगोई ने कहा कि वह असम सरकार की किसी भी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सीएए, बाढ़ का कहर, कोविड-19 की स्थिति, सभी का टीकाकरण, बड़े बांध- ये कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें मैं सदन में उठाऊंगा।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें दिसंबर 2019 में राज्य भर में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। गोगोई को पिछले साल कोविड-19 के इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया था और वह अन्य बीमारियों के लिए वहीं भर्ती हैं।
हालांकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने एक विशेष एनआईए अदालत द्वारा गोगोई के जमानत आदेश को बरकरार रखा, लेकिन वह अभी भी न्यायिक हिरासत में है क्योंकि सीएए विरोधी हिंसा से संबंधित एक अन्य मामले में उनकी जमानत खारिज कर दी गई थी और इसकी एनआईए द्वारा जांच की जा रही है।