- अखिलेश ने कोविड-19 का संक्रमण दिखने पर जांच कराने की अपील की
- कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग पर सवाल उठा चुके हैं सपा के अध्यक्ष
- सरकार से पूछा-एयरपोर्ट पर जब स्क्रीनिंग हुई तो देश में केस कैसे आया
नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कोविड-19 का लक्षण रखने वाले लोगों से सामने आने और अपनी जांच कराने की अपील की। साथ ही उन्होंने अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमण का इलाज कराने वाले मरीजों से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अच्छा बर्ताव करने का भी अनुरोध किया। अखिलेश ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'जिन लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का लक्षण दिख रहा है, उन्हें सामना आना चाहिए और जांच करानी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'अस्पतालों में इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ उन्हें अच्छे तरीके से पेश आना चाहिए क्योंकि वे अपना जीवन खतरे में डालकर उनका इलाज कर रहे हैं।' सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को लोगों को डराकर नहीं बल्कि उन्हें भरोसे में लेकर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़नी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 735 केस सामने आए हैं और इनमें से 51 लोगों को उपचार के बाद ठीक कर दिया गया है। कोरोना महामारी से राज्य में 11 लोगों की जान गई है।
इससे पहले मंगलवार को अखिलेश ने कोविड-19 की टेस्टिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग काफी पहले शुरू कर दी गई थी तो देश में कोरोना का पहला केस कैसे आया। उन्होंने कहा,, 'दावा किया जा रहा है कि देश में कोविड-19 का पहला केस सामने आने से बहुत पहले ही एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई थी लेकिन सवाल उठता है कि यह स्क्रीनिंग कितनी सही एवं सार्थक थी। जो दावा किया जा रहा है यदि वह सही है तो देश को यह बताया जाना चाहिए कि कोरोना का पहला केस आ कैसे गया।'
भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 941 केस मिलें हैं। इसके साथ देश में संक्रमण का आंकड़ा 12,000 को पार कर गया है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने रोजाना की ब्रीफिंग में बताया कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में हेल्थ सर्विस पर गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं, जिससे कोई दिक्कत नहीं आए। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के अबतक 1489 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं। देश के 325 जिले ऐसे हैं जहां कोई भी केस नहीं है। भारत में ठीक होने का प्रतिशत 12 है।