दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से बहुत बुरा हाल बना हुआ है, आसपास के इलाकों में पराली जलने और हवा का बहाव कम होने के बाद यहां में एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) की हालत काफी खराब हो गई है। एनसीआर (NCR) के सारे प्रमुख शहर शनिवार को 'डार्क रेड जोन' (Dark Red Zone) में पहुंच गए।
प्रदूषण मापने वाले ऐप के अनुसार, शनिवार को गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 466 दर्ज किया गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 414, नोएडा में 461, फरीदाबाद में 449, दिल्ली में 437, बल्लभगढ़ में 431 और गुरुग्राम में 456 दर्ज किया गया।
इससे लोगों में सांस और आंख में जलन की दिक्कत भी बढ़ रही है, वायु प्रदूषण की वजह से लोगों में दम फूलने, आंखों में जलन होने, दमा और टीबी के मरीजों की हालत बिगड़ने जैसी शिकायतें सामने आई हैं, सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है।
सफर ने शनिवार को कहा कि सतही हवाओं के मजबूत होने से दिल्ली में एक्यूआई में सुधार होने की संभावना है।विशेषज्ञों ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद बृहस्पतिवार को दिवाली के मौके पर खूब पटाखे चलने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि की वजह से त्योहार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले पांच साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई।
सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए पानी के टैंकर तैनात
दिल्ली सरकार ने दिवाली के त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता खराब होने पर वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता, धूल के निस्तारण के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने के वास्ते शनिवार को 114 पानी के टैंकर तैनात किए।पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसे लोगों की मदद के लिये “आपातकालीन उपाय” करार दिया।उन्होंने कहा कि दिवाली पर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के साथ शहर में पटाखों के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण बढ़ गया।
'पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं'
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, 'आज भी, पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कल, लगभग 3,500 घटनाएं दर्ज की गईं और आज, यह 4,000 से अधिक है। यह सब दिल्ली की हवा को प्रभावित कर रहा है। एक आपातकालीन उपाय के रूप में और लोगों की मदद के लिए, हम टैंकरों से पानी छिड़क रहे हैं, हमने स्मॉग गन भी लगा रखी है।'