नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 26 अप्रैल तक प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर में लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है। इस दौरान बैंक, मेडिकल-हेल्थ सेवाएं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, आवश्यक सेवाएं चलती रहेंगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के पांच सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक कंप्लीट लॉकडाउन का आदेश दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन लगाने पर भी विचार करने को कहा गया है।
हालांकि सरकार ने लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है। ACS-सूचना, नवनीत सहगल ने बताया, 'यूपी सरकार शहरों में पूर्ण तालाबंदी नहीं करेगी बल्कि कड़े प्रतिबंध लगाएगी। यूपी सरकार अदालत की टिप्पणियों पर अपना जवाब न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर रही है।'
हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। अतः शहरों में लॉक डाउन अभी नहीं लगेगा।
हाई कोर्ट ने लॉकडाउन को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं
- वित्तीय संस्थानों और वित्तीय विभागों, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं, औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, नगर निगम के कार्यों और सार्वजनिक परिवहन सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी या निजी प्रतिष्ठान 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
- सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
- तीन से अधिक श्रमिकों वाली चिकित्सा दुकानों को छोड़कर सभी किराने की दुकानें और अन्य वाणिज्यिक दुकानें 26 अप्रैल तक बंद रहेंगी।
- सभी होटल, रेस्तरां, शिक्षण संस्थान 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
- 26 अप्रैल तक विवाह कार्यों सहित किसी भी सामाजिक समारोह की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, पहले से तय विवाह के मामले में संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। 25 लोग ही शामिल हो सकेंगे। किसी भी तरह की सार्वजनिक और धार्मिक गतिविधियों को 26 अप्रैल तक निलंबित रखने का निर्देश दिया गया है।
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फल और सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता सहित सभी फेरीवाले 26 अप्रैल तक हर दिन सुबह 11 बजे सड़क पर रह सकते हैं।
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प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर/देहात और गोरखपुर जिलों में व्यापक प्रसार वाले दो प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में हर दिन कंटेनमेंट जोन अधिसूचित किए जाएंगे।