- हरियाणा और राजस्थान के साथ पंजाब पानी साझा नहीं करना चाहता है
- एसवाईएल को भावनात्मक मुद्दा बताते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है
- हरियाणा और राजस्थान के साथ पंजाब पानी साझा नहीं करना चाहता है
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सतलुज-यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि अगर राज्य को हरियाणा के साथ पानी साझा करने के लिए कहा जाता है तो ‘पंजाब जलने’ लगेगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक के दौरान सिंह ने एसवाईएल को भावनात्मक मुद्दा बताते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है।
पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया था कि वे इस नहर के निर्माण कार्य को पूरा करने के संबंध में चर्चा करें। इसी निर्देश के मद्देनजर यह बैठक हुई है। एसवाईएल का निर्माण कार्य कई दशक से चल रहा है। हरियाणा और राजस्थान के साथ पंजाब पानी साझा नहीं करना चाहता है। राज्य का कहना है कि उसके खुद के इस्तेमाल के बाद साझा करने के लिए पानी नहीं बचेगा।
पंजाब सरकार के एक बयान के अनुसार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से हो रही बातचीत के दौरान शेखावत से कहा, 'आप को इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजर से भी देखने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि अगर आप एसवाईएल के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं तो पंजाब जलेगा और यह राष्ट्रीय समस्या होगी तथा हरियाणा और राजस्थान को भी इसका प्रभाव झेलना होगा।
खट्टर और शेखावत दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने खट्टर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकलेगा उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, 'हमने अपने उस रुख को बनाए रखा कि एसवाईएल का निर्माण किया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने भी यही कहा है।'
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि कि एसवाईएल को पूरा किया जा सकता है, जबकि पानी के बंटवारे पर चर्चा को अंतिम समाधान निकलने तक जारी रखा जा सकता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण रखा है और हमने जल्द ही एक और बैठक करने का फैसला किया है। अगली बैठक में, उस बिंदु से बातचीत होगी जहां हमने आज समाप्त किया है और परिणाम जो भी हो, हम इसके बारे में उच्चतम न्यायालय को अवगत कराएंगे। शेखावत ने बैठक को सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक बताया।