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अमेरिका खुद सोचे कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते से क्या मिला, एस जयशंकर की खरी खरी

Updated Sep 26, 2022 | 10:28 IST

भारतीय अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि यह अमेरिका को तय करना है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते में उसका हित कैसे सधता है।

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एस जयशंकर,विदेश मंत्री
मुख्य बातें
  • अमेरिका खुद सोचे कि पाकिस्तान से क्या हासिल हुआ
  • एफ 16 की तैनाती और इस्तेमाल कहां यह सबको पता
  • भारत- अमेरिकी समुदाय को संबोधित कर रहे थे एस जयशंकर

पाकिस्तान के एफ 16 प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका ने 450 मिलियन डॉलर देने का फैसला किया है। अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष लॉयड आस्टिन से आपत्ति की तो जवाब कुछ यूं था। अमेरिका ने कहा कि इस तरह की मदद का मकसद भारत के खिलाफ इस्तेमाल से नहीं है। लेकिन हाल ही में यूएनजीए की समाप्ति के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया तो उनका जवाब था कि आप किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं..उनके इस बयान के गंभीर मतलब निकाले जा रहे हैं।

पाक के साथ रिश्ते से अमेरिकी हित नहीं सधे
एस जयशंकर ने कहा कि इस्लामाबाद के साथ रिश्तों से अमेरिका के हित नहीं सधे हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें ना तो पाकिस्तान का हित सधा है और ना ही अमेरिका का। सही बात तो यह है कि अमेरिका को सोचना है कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते से उसे क्या मिलता है। अगर कोई यह मानता है कि एफ 16 कार्यक्रम के पीछे मदद का मकसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद करनी है तो इस तथ्य को सभी लोग समझते हैं कि एफ 16 की तैनाती कहां की गई है और उसका इस्तेमाल किया है।इस तरह की बातें कर आर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं। यदि उन्हें अमेरिकी नीतियों पक बोलना हो वो जरूर इस बात पर विचार करेंगे आप क्या कर रहे हैं।  

VIDEO: जब विदेशी रेस्त्रां के गेट पर बेटे संग रोक दिए गए थे एस जयशंकर! जानें- फिर क्या हुआ?

भारत किसी का अहित नहीं सोचता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कई मौकों पर अमेरिका और पश्चिमी देशों के बारे में सख्त टिप्पणियां की हैं। यूक्रेन और रूस के बीच जंग के बीच जब रूस से कच्चे तेल की खरीद पर जब पश्चिमी देशों ने ऐतराज किया तो विदेश मंत्री ने कहा कि आखिर दोहरा रुख क्यों अपनाया जा रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों को देखना चाहिए एक ही तरह का नियम हर किसी पर लागू हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की स्पष्ट सोच है कि विवाद अगर सामने है तो उसका निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।

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