नई दिल्ली: भारत की ओर वायुसेना के लिए 110 नए लड़ाकू विमान की खरीद के लिए प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत दुनिया भर की कंपनियों से अपने लड़ाकू विमानों के लिए दावा पेश करने को कहा गया है जिसमें से अपने लिए भारतीय वायुसेना विमानों का चुनाव करेगी। फिलहाल इस डील के लिए कुछ विमानों के नाम शामिल आए थे जिसमें फ्रांस का राफेल, यूरोपीय कंपनियों का यूरो फाइटर टाइफून, रूस का सुखोई-35 व मिग-35 और अमेरिका की ओर से एफ-21 (एफ-16 का उन्नत रूप) और एफए-18 सुपर हॉर्नेट पेश किए गए है। अब अमेरिका की ओर से एक और विमान की पेशकश भारत को करने की अटकलें लग रही हैं। इस विमान का नाम है एफ-15 एफएक्स जो ईगल के नाम से मशहूर रहा है।
एफ-15 को बनाने वाली कंपनी बोइंग ने अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन से अनुरोध किया है कि वह इस विमान को भारत को बेचने के लिए पेश करने की इजाजत दे। भारत की लड़ाकू विमान डील के लिए पेश किए गए एफए-18 सुपरहॉर्नेट को भी बोइंग ही बनाती है। इस तरह यह कंपनी भारत के लिए दो विमान पेश कर सकती है। भारत इससे पहले बोइंग कंपनी के अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर, चिनूक हेलीकॉप्टर, सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान, पी8 पोसाइडन नौसैन्य विमान खरीद चुका है।
यह विमान अमेरिका में 40 साल से ज्यादा की सेवा दे चुका है। इज़रायल, दक्षिण कोरिया और जापान सहित कई देश इसका इस्तेमाल करते हैं। दुनिया भर में हवाई लड़ाई के दौरान एफ-15 के नाम 104 अन्य लड़ाकू विमानों को मार गिराने का रिकॉर्ड है लेकिन इस दौरान यह विमान खुद एक बार फिर भी नहीं मारा गया। यहां जानिए एफ-15 विमान से जुड़ी कुछ खास बातें।
- एफ-15 दो इंजन वाला चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो पहली बार 1976 में अमेरिकी वायुसेना में शामिल हुआ लेकिन भारत को जो एफ-15 पेश किया जा सकता है वह आधुनिक होगा और नई तकनीक से लैस होकर यह 4.5 जेनरेशन का विमान साबित हो सकता है।
- अमेरिकी एयरफोर्स के लिए बोइंग F-15 ईगल को F-15 EX में बदलने जा रही है जिसके लिए अमेरिकी कांग्रेस की ओर से 1.05 बिलियन डॉलर खर्च करने की मंजूरी दी गई है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन भारत को जो एफ-16 ऑफर कर रही है वह भी पुराना विमान है लेकिन नई तकनीक से लैस करके इसे एफ-21 का रूप दिया जाएगा।
- एफ-15 अमेरिका का अग्रिम श्रेणी का लड़ाकू विमान रहा है और यह भारत के मिग और सुखोई के लिए बड़ा सिरदर्द रहा है। इसे अमेरिका ने खास तौर पर हवाई लड़ाई और हवा में कलाबाजी दिखाने की शानदार क्षमता को देखते हुए तैयार किया था लेकिन यह जमीनी हमलों को भी अंजाम देने में सक्षम है।
- अमेरिका के पास एफ-35 और एफ-22 जैसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान होने के बावजूद रक्षा विभाग इस विमान को रिटायर करने से हिचक रहा है और एफ-15 को आधुनिक बनाकर उन्हें खरीद जाने पर बात हो रही है।
- एफ-15 विमान की अधिकतम गति मैक 2.5 यानी 3000 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी रेंज 4800 किलोमीटर है। यह बड़ी मात्रा में बम और मिसाइलें अपने साथ ले जाने में सक्षम है।