भोपाल : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी से प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से मिलने के बाद अपने तेवर नरम कर लिए हैं। वहीं ग्वालियर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंघार द्वारा उठाए गए मुद्दे का पक्ष लिया और अप्रत्यक्ष तौर पर दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार चलाने में किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये।
इस बीच, उमंग सिंघार के भोपाल स्थित सरकारी निवास पर बुधवार की सुबह दिग्विजय सिंह के करीब दर्जन भर समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और सिंघार का पुतला दहन किया। ये प्रदर्शनकारी दिग्विजय सिंह के समर्थन में नारे लगा रहे थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'सिंघार को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने खुले तौर पर सरकार और पार्टी के खिलाफ बोला है।'
ग्वालियर में बुधवार दोपहर को पत्रकारों से बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को सिंघार की बात सुननी चाहिए। सिंधिया ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्वियज सिंह का नाम लिए बिना कहा कि सरकार अपनी दम पर चलाना चाहिए, किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चिहए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 साल के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। इस सरकार को बनाने में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इसलिए मेहनत की थी कि एक नया मध्यप्रदेश बनाएंगे और उसी के अनुरूप काम होना चाहिए।
सिंघार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह प्रदेश में कांग्रेस सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं। इससे पहले रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंघार ने दावा किया था कि दिग्विजय प्रदेश में कमलनाथ सरकार को 'अस्थिर' करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सिंघार ने मंगलवार देर रात को मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी में प्रदेश प्रभारी कांग्रेस महसचिव दीपक बावरिया से मुलाकात की और पार्टी फोरम पर अपनी बात रखने के बाद अपना रुख नरम कर दिया।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं दिवंगत जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, 'पार्टी मजबूत है। मैंने पार्टी के समक्ष अपने विचार रखे हैं, मुख्यमंत्री के साथ बैठक की और कल रात बबरिया जी से भी बात की। मुझे और कुछ नहीं कहना है।' सिंघार ने इस सवाल का उत्तर नहीं दिया कि क्या वह अब भी दिग्विजय के खिलाफ अपने आरोपों पर कायम हैं।
मालूम हो कि दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल के दौरान जमुना देवी प्रदेश की काबीना मंत्री थीं और दोनों के बीच कई मुद्दों पर खुले मतभेद होते थे। दरअसल पिछले साल दिसंबर में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है। मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने सोमवार को कहा, 'भाजपा शुरू से यह कहती रही है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कहने को भले ही एक मुख्यमंत्री हो, लेकिन कई और भी मुख्यमंत्री हैं, जो पर्दे के पीछे से सरकार को चला रहे हैं। मंत्री उमंग सिंघार की स्वीकारोक्ति भाजपा के इस कथन की पुष्टि करती है।'