- अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया
- पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होना है, जिसके लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने शाह यहां पहुंचे
- उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पश्चिम बंगाल के गौरव को बहाल करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला। ममता सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इससे राज्य की परंपरा को चोट पहुंची है। उन्होंने लोगों से राज्य के गौरव को बहाल करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आग्रह किया और कहा कि यह कभी आध्यात्मिक और धार्मिक जागृति का केंद्र था।
इससे पहले शाह ने कहा था कि बीजेपी राज्य में दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। बंगाल में युवाओं को रोजगार प्रदान करने और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने लोगों से आगामी चुनाव में पार्टी के पक्ष में मतदान करने और बीजेपी की सरकार बनाने की अपील लोगों से की। उन्होंने कहा, 'हम पश्चिम बंगाल को 'शोनार बांग्ला' (स्वर्णिम बंगाल) बनाएंगे।' शुक्रवार को उन्होंने कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
'राज्य के गौरव को फिर बहाल करेंगे'
शाह ने कहा, 'पश्चिम बंगाल चैतन्य महाप्रभु, ठाकुर रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद की भूमि है। तुष्टिकरण की राजनीति से राज्य की परंपरा को चोट पहुंची है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि राज्य के गौरव को बहाल करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें। यह राज्य कभी आध्यात्मिक और धार्मिक जागृति का केंद्र था।'
दिग्गज बीजेपी नेता पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की संगठनात्मक तैयारियों का जायजा लेने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं। उन्होंने गुरुवार को बांकुरा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और चतुर्थी गांव में एक आदिवासी परिवार से मुलाकात कर उनके साथ भोजन भी किया। पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से भी मुलाकात की।
यह कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मार्च में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद गृह मंत्री का पहला बंगाल दौरा है। इससे पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर विरोध-प्रदर्शन के बीच उन्होंने 1 मार्च को राज्य का दौरा किया था, जब उन्होंने कहा था कि ममता सरकार और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ यहां लोगों में भारी नाराजगी है।