- सीएए को लेकर सोमवार को नॉर्थ इस्ट दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा
- हिंसा में अब तक एक पुलिसकर्मी सहित सात लोगों की मौत, कई लोग जख्मी
- गृह मंत्री अमित शाह ने हालात का लिया जायजा, सीएम केजरीवाल के साथ की बैठक
नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों में एक पुलिस कांस्टेबल सहित सात लोगों की जान चली गई है जबकि घायल लोगों एवं पुलिसकर्मियों का अस्पतालों में इलाज जारी है। राजधानी के उत्तर पूर्वी इलाकों में तनाव को देखते हुए 10 इलाकों में धारा 144 लागू है। पिंक लाइन के पांच मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया है। हिंसा वाली जगहों पर तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। मंगलवार सुबह उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की नई घटना सामने आई।
राजधानी के इन इलाकों में तनाव को देखते हुए पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह अधिकारियों से घटना की लगातार जानकारी ले रहे हैं। शाह ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। वह आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले हैं। साल 2014 के बाद दिल्ली एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। वर्ष 2014 में त्रिलोकपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हुआ था लेकिन यहां प्रदर्शनों में किसी की मौत नहीं हुई थी। आइए जानते हैं उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक जगह से शुरू हुए प्रदर्शन ने कैसे उग्र हिंसा का रूप ले लिया-
रविवार को कपिल मिश्रा के ट्वीट के बाद शुरू हुआ बवाल
भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने रविवार को एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने सीएए के खिलाफ मौजपुर एवं चांदबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी दी। वह खुद धरने पर भी बैठे। बताया गया कि सोमवार की सुबह मौजपुर चौक पर कर्दमपुरी और कबीर नगर से भारी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान भीड़ ने पथराव किया। इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पथराव एवं हिंसा को देखते हुए पुलिस कर्दमपुरी और कबीर नगर की तरफ नहीं बढ़ पाई।
उपद्रवियों ने दुकानों में आग लगाई
मौजपुर इलाके से शुरू हुआ प्रदर्शन धीरे-धीरे आस-पास के इलाकों को अपनी चपेट में लेने लगा। शाम करीब तीन बजे भजनपुरा चौक के पास उपद्रवियों ने एक इमारत और एक धार्मिक स्थल को आग के हवाले कर दिया। यहां प्रदर्शनकारियों की तरफ से गोलीबारी करने की बात भी सामने आई है। हिंसा के दौरान यहां दो टेंपों और करीब एक दर्जन वाहनों में आग लगाई गई। पत्थरबाजी के दौरान कुछ लोग जख्मी हुए। यहां करीब पांच घंटे तक पत्थरबाजी चलती रही। भीड़ को तितर-बीतर करने के लिए सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया। यहां दिल्ली पुलिसकर्मी के सामने पिस्टल लहराने वाले युवक को बाद में गिरफ्तार किया गया।
गोकलपुरी में टायर मार्केट में लगाई आग
सोमवार शाम को उपद्रवियों ने गोकलपुरी में एक टायर मार्केट को आग के हवाले कर दिया। यहां काफी देर तक आग की लपटें उठती रहीं। गोकलपुरी में पत्थरबाजी से घायल दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई। बताया जाता है कि पत्थर रतन लाल के सिर पर लगा था। जख्मी हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई। रतन लाल गोकलपुरी इलाके में तैनाती थी। पत्थरबाजी में घायल शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा की हालत अब स्थिर बताई गई है।
हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा
सीएए को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और अन्य ने हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज करने की अर्जी दायर की है। कोर्ट इन अर्जियों पर बुधवार को सुनवाई करेगा। इसके अलावा शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठीं महिलाओं को सुरक्षा देने की भी मांग की गई है।
दिल्ली की सीमा सील करने की जरूरत
दिल्ली में हिंसा की घटनाएं सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित इलाकों के अपने विधायकों के साथ बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति पर काबू पाने के लिए दिल्ली की सीमा सील करने की जरूरत है क्योंकि दिल्ली में बाहर से लोग आ रहे हैं। इसके पहले केजरीवाल ने दिल्ली के कुछ इलाकों के हालात पर गंभीर चिंता जाहिर की।