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अगर कोर्ट से मिली 6 साल से ज्यादा की सजा, तो सरकार रखेगी फॉरेंसिक डाटा, जानें क्या है इरादा

Updated Aug 29, 2022 | 13:11 IST

Forensic Tests News: गुजरात में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि छह साल से अधिक की सजा वाले किसी भी अपराध के लिए कानूनी रूप से फोरेंसिक रिपोर्ट अनिवार्य कर दी जाएगी।

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शाह बोले- फॉरेंसिक साइकोलॉजी से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बहुत फायदा होगा
मुख्य बातें
  • शाह ने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को मजबूत करने और फॉरेंसिक साइंस के महत्व पर दिया जोर
  • 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक विजिट और फॉरेंसिक एविडेंस होगा अनिवार्य- शाह
  • शाह बोले- फॉरेंसिक साइकोलॉजी से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बहुत फायदा होगा

Amit Shah on Forensic Tests: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार IPC, CRPC और Evidence Act तीनों में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है क्योंकि आजादी के बाद इन कानूनों को किसी ने भारतीय नजरिए से नहीं देखा। उन्होने कहा कि इन कानूनों को एक स्वतंत्र भारत की दृष्टि से फिर से बनाने की जरूरत है इसलिए सरकार बहुत लोगों के साथ चर्चा कर इन तीनों अधिनियमों में परिवर्तन करने जा रही है। 

होगा अनिवार्य

अमित शाह ने कहा कि 6 साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक विजिट और फॉरेंसिक एविडेंस को अनिवार्य और कानूनी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रेंड मैन पावरऔर उसके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी। शाह ने कहा, 'इस दूर दृष्टि के साथ प्रधानमंत्री मोदी जी ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की है और बहुत कम समय के अंदर ही इस यूनिवर्सिटी ने बहुत सारे राज्यों में अपने कैंपस खोल दिए हैं। गुजरात के अलावा भोपाल, गोवा, त्रिपुरा, मणिपुर और गुवाहाटी में इसके कैंपस खुल गए हैं जबकि  पुणे और कर्नाटक में चर्चा चल रही है, ये सभी कैंपस जब एक साथ काम करेंगे तो पूरे देश को ट्रेंड मैनपावर मिल जाएगी।'

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जानिए क्या है मकसद

शाह ने कहा कि हर राज्य में एक फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री बनने से ही आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट में होने वाले परिवर्तनों को निर्णायक अंत तक ले जाया सकेगा। गृह मंत्री ने कहा कि अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है बल्कि साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर गुनहगार को सजा दिलाकर ही दोष सिद्धि का प्रमाण बढ़ पाएगा। उन्होंने कहा, 'नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी न केवल विद्यार्थियों को फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक्सपर्ट बना रही है बल्कि पुलिस अफसर, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और ज्यूडिशरी में काम करने वाले व्यक्तियों समेत क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी अंगों की ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रही है।'

 उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ इंटीग्रेट किया जाए ताकि देश में दोष सिद्धि दर को विकसित देशों से भी ऊपर ले जाया जा सके।

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